
हम जो कुछ भी खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे शरीर और सेहत पर पड़ता है। पोषण सिर्फ खाना भर नहीं होता, बल्कि एक संतुलित जीवन जीने की आधारशिला है। इसी पोषण का एक अहम हिस्सा है—पोटैशियम। यह एक अत्यंत जरूरी खनिज (मिनरल) है जो शरीर की अनेक आवश्यक गतिविधियों को संचालित करता है। पोटैशियम की भूमिका हमारे मसल्स, हार्ट, नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में होती है।
अक्सर लोग प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम पर ध्यान देते हैं लेकिन पोटैशियम जैसे जरूरी तत्वों की अनदेखी कर बैठते हैं। इसकी कमी से शरीर में कई समस्याएं पनपने लगती हैं जिनका हम अक्सर गलत कारणों से इलाज करते हैं। खासकर, आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं और ये सभी संकेत हो सकते हैं कि आपके शरीर में पोटैशियम की कमी है।
आधुनिक जीवनशैली में पोटैशियम की अनदेखी
जंक फूड, अनियमित दिनचर्या, नींद की कमी और व्यायाम से दूरी—ये सभी आदतें न सिर्फ पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं, बल्कि पोषण स्तर को भी गिरा देती हैं। नतीजतन, जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती, जिसमें पोटैशियम भी शामिल है।
इसकी अच्छी बात यह है कि पोटैशियम महंगे या दुर्लभ फूड्स से नहीं, बल्कि रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजों से भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। बस ज़रूरत है इन्हें पहचानने और नियमित आहार में शामिल करने की।
शरीर में पोटैशियम की कमी के लक्षण
थकान और कमजोरी
अगर आप बिना किसी शारीरिक मेहनत के भी दिनभर थके-थके महसूस करते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में पोटैशियम की मात्रा कम है। यह शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा ट्रांसफर करने में मदद करता है और जब यह संतुलन बिगड़ता है तो कमजोरी महसूस होती है।
मांसपेशियों में ऐंठन और जकड़न
पोटैशियम की मदद से मसल्स का संकुचन और विस्तार नियंत्रित होता है। इसकी कमी के कारण मांसपेशियों में खिंचाव, ऐंठन या झटके जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। खासकर रात को पैरों में होने वाली अकड़न इसका आम संकेत है।
सांस लेने में परेशानी और कब्ज
सही मात्रा में पोटैशियम की कमी से न सिर्फ मसल्स बल्कि फेफड़ों और पाचन तंत्र की मांसपेशियों पर भी असर पड़ता है। इससे आपको सांस लेने में परेशानी, गैस और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ
शकरकंद (Sweet Potato)
शकरकंद न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि पोटैशियम का एक अच्छा स्रोत भी है। यह फाइबर, विटामिन ए और पोटैशियम से भरपूर होता है, जो शरीर की संपूर्ण ऊर्जा में सुधार करता है। आप इसे उबालकर, भूनकर या सब्जी के रूप में भी खा सकते हैं।
एवोकाडो: सुपरफूड का राजा
एवोकाडो को अगर सुपरफूड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह न केवल पोटैशियम बल्कि हेल्दी फैट, फाइबर और विटामिन्स का भी अच्छा स्रोत है। सलाद, स्मूदी या टोस्ट में शामिल कर इसे अपने आहार का हिस्सा बनाना बेहद फायदेमंद होता है।
दही: स्वाद और पोषण का संगम
दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हर मौसम में सेहतमंद माना जाता है। यह न केवल पेट को ठंडक पहुंचाता है बल्कि पोटैशियम की भी भरपूर मात्रा देता है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है।
पालक और टमाटर: डेली डाइट के हीरो
पालक और टमाटर जैसे हरे और लाल रंग के खाद्य पदार्थों में पोटैशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। पालक में आयरन और फाइबर भी होते हैं, जबकि टमाटर एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इन दोनों को अपने आहार में रोज़ाना शामिल करें।
केला: ऊर्जा और पोटैशियम का powerhouse
केला शायद सबसे सस्ता और सुलभ पोटैशियम का स्रोत है। यह न केवल एनर्जी देता है बल्कि मसल्स को रिपेयर करने में भी मदद करता है। एक्सरसाइज करने वालों के लिए यह एक बेहतरीन प्री और पोस्ट-वर्कआउट फूड है।