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  • मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार और तेज़ होने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत अब अतिरिक्त 2,944 किलोमीटर लंबी 824 नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इन सभी योजनाओं को विभागीय प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, और निर्माण कार्य बहुत जल्द ज़मीन पर दिखने लगेगा। इससे पहले इस योजना के अंतर्गत 445 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है, जिनकी कुल लंबाई 2,148 किलोमीटर है।
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  • गांवों की बदली तस्वीर, सड़कों ने दिया नया जीवन
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  • यह योजना सिर्फ सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने गांवों के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। पहले जहाँ गांवों की दुनिया बारिश में कटा हुआ महसूस होती थी, अब हर मौसम में गांव बाज़ारों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य ज़रूरी सुविधाओं से जुड़ गए हैं। ये सड़कें अब गांवों की आर्थिक नब्ज, रोजगार का आधार और सामाजिक बदलाव की धुरी बन चुकी हैं।
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  • रोज़गार और आर्थिक सशक्तिकरण में मिला संबल
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  • सड़क निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार के हज़ारों अवसर पैदा हुए हैं। निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों से लेकर निर्माण सामग्री आपूर्ति करने वालों तक, ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी को इससे रोज़गार और स्थिर आय का ज़रिया मिला है। साथ ही, किसान अब अपनी फसलें समय पर और बेहतर स्थिति में बाज़ारों तक पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है।
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  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली नई दिशा
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  • इन सड़कों ने सिर्फ किसानों को ही नहीं, बल्कि दुग्ध व्यवसाय, छोटे व्यापार और ग्रामीण पर्यटन जैसे क्षेत्रों को भी काफी प्रोत्साहन दिया है। अब गांवों से शहरों तक की दूरी केवल किलोमीटर में नहीं, बल्कि अवसरों में भी सिमट गई है। गाँव अब बाजारों से जुड़ कर आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी निभा रहे हैं, जिससे नगदी प्रवाह बढ़ा है और गांवों की आमदनी में इज़ाफा हुआ है।
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  • जिलावार प्रगति – कुछ जिलों ने दिखाई अग्रणी भूमिका
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  • बिहार के कुछ ज़िले इस योजना के कार्यान्वयन में सबसे आगे निकल कर आए हैं। इन जिलों में सबसे ज़्यादा लंबाई की सड़कों का निर्माण हो चुका है:
  • समस्तीपुर – 137.36 किमी
  • मधुबनी – 135.36 किमी
  • दरभंगा – 115.48 किमी
  • गया – 110.79 किमी
  • पश्चिम चंपारण – 88.86 किमी
  • इन जिलों ने ग्रामीण परिवहन में सुधार की एक नई मिसाल कायम की है।
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  • “हर सड़क है विकास की रेखा” – मंत्री अशोक चौधरी
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  • ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने इस योजना को गांवों की जीवनरेखा बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल सड़क नहीं, बल्कि एक समग्र विकास का माध्यम है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिली है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगामी महीनों में शेष स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य भी पूरी तीव्रता के साथ पूरा कर लिया जाएगा।