- नई दिल्ली। बारिश का मौसम जहां सुकून और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी खड़ी कर देता है। खासकर ENT (कान, नाक और गले) से जुड़ी बीमारियाँ इस मौसम में आम हो जाती हैं। उमस, नमी, और हवा में तैरते बैक्टीरिया व फंगस हमारी इम्यूनिटी को चुनौती देने लगते हैं। नतीजा—कंजंक्टिवाइटिस, कान का इंफेक्शन, गले में खराश, साइनस की समस्या, खांसी, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि अस्थमा जैसी तकलीफें भी दस्तक दे सकती हैं।
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- अगर आप बरसात में थोड़ी सी भी लापरवाही करते हैं, तो ENT से जुड़ी समस्याएं आपकी दिनचर्या को पूरी तरह बिगाड़ सकती हैं। चलिए जानते हैं कैसे बचें इन बीमारियों से, और कैसे मजबूत करें अपनी इम्यूनिटी ताकि बारिश का मौसम भी बन जाए हेल्दी और हैप्पी!
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- बारिश के मौसम में क्यों होती हैं ENT समस्याएं?
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- हवा में बढ़ी नमी बैक्टीरिया और वायरस को तेजी से पनपने का मौका देती है।
- उमस और पसीना फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ाते हैं।
- नाक और मुंह से बैक्टीरिया शरीर में घुसते हैं, जिससे रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट में सूजन और इंफेक्शन हो सकता है।
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग होते हैं ज्यादा संवेदनशील।
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- आम ENT समस्याएं बरसात में
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- कान में दर्द और इंफेक्शन
- गले में खराश और सूजन
- टिनिटस (कान में घंटी जैसी आवाज़ें)
- साइनाइटिस (नाक बंद और सिरदर्द)
- अस्थमा और ब्रोंकाइटिस
- बार-बार होने वाला सर्दी-जुकाम
- बुखार और चिड़चिड़ापन
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- कान में संक्रमण के लक्षण
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- तीव्र दर्द, खासकर रात में
- हल्का बुखार
- चिड़चिड़ापन और बेचैनी
- कान में भारीपन या सुनाई न देना
- सिर हिलाने पर दर्द में बढ़ोतरी
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- बरसात में बरतें ये सावधानियाँ
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- दिनभर में हल्का गर्म पानी पिएं
- नमक मिलाकर गुनगुने पानी से गरारे करें
- जरूरत पड़ने पर स्टीम लें – यह नाक और गले को राहत देता है
- पानी में नमक या नीम के पत्ते मिलाकर स्नान करें
- तेज हवा या बारिश में भीगने से बचें
- हाइजीन का ध्यान रखें – तौलिए, तकिये, इयरफोन शेयर न करें
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- इम्यूनिटी मजबूत करने के घरेलू उपाय (स्वामी रामदेव के सुझाव)
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- 1. हर्बल ड्रिंक और काढ़ा
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- गिलोय-तुलसी का काढ़ा – प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
- हल्दी वाला दूध – एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर
- एलोवेरा और आंवला जूस – त्वचा और पाचन दोनों के लिए फायदेमंद
- शहद और नींबू का गुनगुना पानी – गले को राहत और इम्यूनिटी को बूस्ट
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- 2. घरेलू नुस्खे
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- 100ml पानी में 1 चम्मच रीठा उबालें, उसमें एक चुटकी सोंठ और काली मिर्च मिलाएं। छानकर 2–3 बूंद नाक में डालें – सिरदर्द और कफ में राहत।
- बादाम का तेल से नस्य (नाक में डालना) करें – गले और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद।
- मुलैठी चूसना – गले में जलन और खराश से राहत दिलाता है।
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- खानपान में क्या शामिल करें?
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- मौसमी सब्जियाँ – लौकी, तोरई, भिंडी
- ताजे फल – अमरूद, पपीता, संतरा
- ड्राई फ्रूट्स – बादाम, अखरोट
- हल्की और सुपाच्य चीजें – खिचड़ी, दलिया, मूंग दाल
- प्रोबायोटिक फूड्स – दही, छाछ
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- एक्स्ट्रा टिप्स जो देंगे आपको एडवांटेज
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- नियमित योग और प्राणायाम करें – खासतौर पर अनुलोम-विलोम और कपालभाति
- मोबाइल और ईयरबड्स को साफ रखें – ये भी बैक्टीरिया के कैरियर बन सकते हैं
- बारिश में भीगे कपड़े देर तक न पहनें – फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है
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- बरसात का मौसम केवल रोमांटिक नहीं बल्कि रिस्की भी हो सकता है, खासकर यदि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है या आपको पहले से कोई एलर्जी या ENT से जुड़ी समस्या है। लेकिन यदि आप थोड़ी सावधानी बरतें, हेल्दी डाइट लें, और स्वामी रामदेव जैसे विशेषज्ञों के बताए सरल आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं, तो आप इस मौसम का आनंद बिना बीमार हुए भी उठा सकते हैं।