
भारत सरकार ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के सशक्तिकरण और उनके कौशल विकास के उद्देश्य से 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना' की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण प्रदान करना है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार: जैसे बढ़ई, लोहार, दर्जी, बुनकर, कुम्हार, सुनार, मोची, राजमिस्त्री, मूर्तिकार आदि।
आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
शैक्षणिक योग्यता: कोई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आवश्यक नहीं है, लेकिन संबंधित शिल्प में अनुभव होना चाहिए।
आधार कार्ड: आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
बैंक खाता: सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए, जो आधार से जुड़ा हो।
लाभ सूची
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाएंगे:
वित्तीय सहायता: कार्यशील पूंजी के रूप में ₹50,000 तक का ऋण, जिसमें ब्याज दर रियायती होगी।
कौशल विकास प्रशिक्षण: उन्नत तकनीकों और आधुनिक उपकरणों के उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम।
उपकरणों की आपूर्ति: कार्य में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरणों का वितरण।
मार्केटिंग सहायता: उत्पादों के विपणन और बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म और नेटवर्किंग की सुविधा।
ब्रांडिंग और पैकेजिंग: उत्पादों की गुणवत्ता सुधार, ब्रांडिंग और आकर्षक पैकेजिंग के लिए सहायता।
डिजिटल साक्षरता: डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन विपणन और ई-कॉमर्स के लिए प्रशिक्षण।
बीमा कवरेज: कार्य के दौरान दुर्घटना या अन्य आपदाओं से सुरक्षा के लिए बीमा सुविधा।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
पंजीकरण करें: 'रजिस्टर' या 'पंजीकरण' विकल्प पर क्लिक करके आवश्यक विवरण भरें, जैसे नाम, पता, संपर्क नंबर आदि।
दस्तावेज़ अपलोड करें: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, शिल्प का प्रमाण (यदि उपलब्ध हो) आदि दस्तावेज़ अपलोड करें।
आवेदन जमा करें: सभी विवरण भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद 'सबमिट' बटन पर क्लिक करें।