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  • जब बच्चा बार-बार गुस्सा करता है, चिल्लाता है, या छोटी-छोटी बात पर चीजें फेंकने लगता है, तो यह सिर्फ शरारत नहीं होती—बल्कि उसके भीतर चल रही असमंजस या बेचैनी की एक प्रतिक्रिया होती है। खासकर 3 से 10 साल के बच्चे जब बार-बार जिद करने लगें, तो माता-पिता, खासकर मां के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है।
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  • लेकिन ध्यान दें, बच्चे का गुस्सा एक संकेत है, एक माध्यम जिससे वह कुछ व्यक्त करना चाहता है, जिसे वह शब्दों में कह नहीं पाता। ऐसे में डांटना या चिल्लाना उल्टा असर डाल सकता है। यदि आप थोड़े धैर्य और समझदारी से उसे सही दिशा दिखाएं, तो उसका गुस्सा धीरे-धीरे बर्फ की तरह पिघलने लगेगा।
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  • बच्चों में गुस्से की 4 बड़ी वजहें
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  • 1. अपनी भावनाएं न समझ पाना
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  • छोटे बच्चों को यह समझ नहीं होता कि उन्हें जो महसूस हो रहा है, उसे कैसे शब्दों में कहें। इस असमर्थता के कारण वे गुस्से में प्रतिक्रिया देते हैं।
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  • 2. उपेक्षित महसूस करना
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  • अगर बच्चा बार-बार यह महसूस करे कि उसकी बातों को कोई नहीं सुन रहा, तो वह ध्यान आकर्षित करने के लिए गुस्से का सहारा ले सकता है।
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  • 3. घर का टेंशन भरा माहौल
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  • अगर घर में रोज झगड़े, चिल्लाने और तनाव का माहौल है, तो बच्चा वही बर्ताव सीखता है। यह उसके व्यवहार पर गहरा असर डालता है।
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  • 4. मांग पूरी न होना
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  • जब बच्चों की इच्छाएं बिना समझाए पूरी नहीं की जातीं, तो उन्हें यह अन्याय लगता है और वे चिढ़चिढ़े हो जाते हैं।
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  • गुस्से वाले बच्चे के लिए शांतिदायक मंत्र
     
  • एक शक्तिशाली लेकिन सरल मंत्र जिसे आप या बच्चा खुद दोहरा सकते हैं:
  • “ॐ ह्रीं बाल क्रोध सोमाय नमः”
  • इस मंत्र का रोज सुबह या शाम 11 बार जप करें।
  • अगर बच्चा छोटा है, तो आप उसके पास बैठकर इस मंत्र को बोलें।
  • यह मंत्र वातावरण को सकारात्मक और शांत बनाता है।
  • इससे बच्चे के चित्त में शांति आती है और उसका गुस्सा धीरे-धीरे कम होता है।
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  • मां कैसे रखें खुद को शांत?
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  • जब बच्चा गुस्से में हो, तब मां की प्रतिक्रिया बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे समय पर मां को अपनी भावनाओं को संयमित रखना चाहिए, ताकि स्थिति और खराब न हो।
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  • 1. धीमी और सौम्य आवाज में बात करें
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  • बच्चे की चिल्लाहट में अगर आप भी आवाज उठाएंगी, तो वह और उग्र हो जाएगा। उसकी ऊर्जा को संतुलित करने के लिए आपकी आवाज का शांत रहना जरूरी है।
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  • 2. तीन गहरी सांसें लें
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  • पहले खुद को संतुलित करें। प्रतिक्रिया देने से पहले तीन गहरी सांस लें और फिर सोच समझकर बात करें।
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  • 3. आंखों में आंखें डालकर कहें
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  • “मैं जानती हूं तुम नाराज़ हो। चलो बैठते हैं और बात करते हैं।”
  • इस एक वाक्य से बच्चा सुना और समझा हुआ महसूस करेगा।
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  • 4. उसे अकेला न छोड़ें
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  • गुस्से में बच्चे को अकेला छोड़ना उसे असुरक्षित कर सकता है। उसके पास रहें, उसकी उपस्थिति में उसे सुकून मिलेगा।
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  • कुछ सरल घरेलू उपाय जो बच्चा करेगा पसंद
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  • 1. तुलसी के पास बैठने की आदत
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  • रोजाना 5 मिनट तक तुलसी के पौधे के पास बैठने से मन को शांति मिलती है। इसे बच्चे की दिनचर्या में शामिल करें।
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  • 2. शाम को शंख बजाना
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  • शंख की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। शाम के समय शंख बजाने से घर का माहौल शांत और पवित्र बनता है।
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  • 3. गुस्से की डायरी
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  • अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे एक “गुस्सा डायरी” दें। उसमें वह अपना गुस्सा, नाराज़गी और भावनाएं लिख सकता है। इससे मन हल्का होगा।
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  • 4. सोते समय सिर पर हाथ फेरना
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  • रात को बच्चे के सिर पर धीरे-धीरे हाथ फेरते हुए कहें:
  • “तुम बहुत अच्छे बच्चे हो। हम सब तुम्हें समझते हैं।”
  • यह वाक्य बच्चे के भीतर भावनात्मक सुरक्षा और आत्मविश्वास भर देगा।