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  • हर कोई चाहता है कि वो अपने लिए सबसे बेहतरीन और सुरक्षित कार खरीदे। आज के समय में मार्केट में एक से बढ़कर एक फीचर्स वाली गाड़ियाँ उपलब्ध हैं, जो न केवल स्टाइलिश होती हैं बल्कि सुरक्षित भी। लेकिन, कार की सुरक्षा सिर्फ फीचर्स तक सीमित नहीं होती, बल्कि उससे भी ज़्यादा ज़रूरी होता है कि हम उसे कैसे चलाते हैं—खासतौर पर मुश्किल मौसम जैसे बारिश में।
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  • आपने भी कभी न कभी देखा या किया होगा कि जैसे ही सड़क पर बारिश होती है, कुछ लोग अपनी कार को तेज़ स्पीड में पानी से भरी सड़कों पर दौड़ा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बेहद खतरनाक हो सकता है? जी हाँ, इस स्थिति को 'हाइड्रोप्लानिंग' कहा जाता है, जो किसी भी वाहन चालक के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि आखिर हाइड्रोप्लानिंग क्या होती है, क्यों यह खतरनाक है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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  • हाइड्रोप्लानिंग क्या है?
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  • हाइड्रोप्लानिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें सड़क पर मौजूद पानी की वजह से वाहन के टायर और सड़क के बीच संपर्क टूट जाता है। जब आपकी कार तेज़ रफ्तार में पानी से भरी सड़क पर चलती है, तो पानी टायर के नीचे जम जाता है और टायर सड़क की सतह को ठीक से पकड़ नहीं पाता। इससे गाड़ी फिसल सकती है और नियंत्रण खोने की संभावना बढ़ जाती है।
  • ये स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब सड़क पर पहले से ही गड्ढे हों या उसका सतह समतल न हो। जैसे ही टायर पानी की मोटी परत पर आता है, गाड़ी 'तैरने' लगती है। इस दौरान ब्रेक लगाने या स्टीयरिंग घुमाने पर भी गाड़ी का नियंत्रण ड्राइवर के हाथ से निकल सकता है, जिससे हादसा हो सकता है।
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  • हाइड्रोप्लानिंग सिर्फ कार ही नहीं, बल्कि बाइक, स्कूटर और अन्य दो व तिपहिया वाहनों के लिए भी उतनी ही खतरनाक होती है। यह समस्या टायर की हालत, वाहन की स्पीड, सड़क की स्थिति और बारिश की तीव्रता पर भी निर्भर करती है।
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  • हाइड्रोप्लानिंग क्यों होती है?
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  • तेज गति से गाड़ी चलाना – तेज रफ्तार में टायर पानी को हटाने में सक्षम नहीं होता, जिससे वह सड़क से संपर्क खो देता है।
  • घिसे हुए टायर – पुराने या खराब टायर जल्दी हाइड्रोप्लानिंग का शिकार हो सकते हैं क्योंकि उनमें मौजूद ग्रूव्स पानी को निकालने में असमर्थ होते हैं।
  • कम वजन वाली गाड़ियाँ – हल्की गाड़ियाँ जल्दी फिसल सकती हैं क्योंकि उनमें सड़क पर पकड़ कम होती है।
  • असमान सड़कें – जिन सड़कों पर पानी ज्यादा इकट्ठा हो जाता है, वहां यह स्थिति ज़्यादा देखने को मिलती है।
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  • हाइड्रोप्लानिंग से बचाव के आसान और कारगर उपाय
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  • 1. धीमी गति रखें
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  • बारिश में गाड़ी चलाते समय सबसे जरूरी चीज़ है—स्पीड कंट्रोल। जितनी तेज रफ्तार होगी, उतना ही ज्यादा खतरा होगा। इसलिए खासकर जब आप पानी से भरी सड़क पर हों, तो रफ्तार को नियंत्रित रखें। कोशिश करें कि 50-60 किमी/घंटा से ज्यादा न जाएं। इससे टायर को सड़क से सही ग्रिप मिलेगी और आप स्थिति को बेहतर ढंग से संभाल पाएंगे।
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  • 2. गहरे पानी से बचें
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  • जब आप गाड़ी चला रहे हों और आगे कोई गड्ढा या पानी भरा हुआ हिस्सा दिखे, तो उसे पार करने से पहले एक बार सोचें। अगर जरूरी न हो, तो रास्ता बदलें। कई बार पानी की गहराई का अंदाज़ा नहीं लग पाता, और गाड़ी उसमें फँस सकती है या फिसल सकती है।
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  • 3. टायर की नियमित जांच करें
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  • टायर आपके वाहन का वो हिस्सा है जो सीधा सड़क से संपर्क में होता है। यदि टायर घिसा हुआ है या उसमें ट्रेड़ गहराई कम है, तो बारिश के मौसम में ये ज्यादा फिसल सकता है। समय-समय पर टायर की कंडीशन चेक करवाना और जरूरत पड़ने पर बदलवाना जरूरी है।
  • टायर की ग्रूव गहराई कम से कम 2/32 इंच होनी चाहिए।
  • टायर प्रेशर हमेशा निर्माता की सलाह के अनुसार रखें।
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  • 4. क्रूज़ कंट्रोल से बचें
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  • बारिश के मौसम में अगर आपकी कार में क्रूज़ कंट्रोल है, तो इसका इस्तेमाल न करें। यह फीचर आमतौर पर हाईवे पर लंबे सफर के लिए अच्छा होता है, लेकिन बारिश के वक्त इससे स्पीड कंट्रोल में दिक्कत आ सकती है। बेहतर है कि आप स्पीड और ब्रेकिंग का कंट्रोल अपने हाथ में रखें।
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  • 5. दोनों हाथों से स्टीयरिंग पकड़ें
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  • बारिश में गाड़ी चलाते समय स्टीयरिंग को दोनों हाथों से मजबूती से पकड़ें। इससे अगर अचानक गाड़ी फिसलती भी है तो आप उसे जल्दी संभाल सकते हैं। ध्यान रखें कि इस दौरान मोबाइल या अन्य किसी चीज़ से ध्यान भटकाने से बचें।