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नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि वेब ब्राउज़र के रूप और अनुभव में कुछ बड़ा बदलाव आ सकता है? अगर नहीं, तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि पिछले कई वर्षों से हम सब एक जैसे ब्राउज़र—जैसे गूगल क्रोम, सफारी या फायरफॉक्स—का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। लेकिन अब वो दौर बदलने वाला है। एक बिल्कुल नया और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से सुसज्जित ब्राउज़र जल्द ही आपकी इंटरनेट ब्राउज़िंग की परिभाषा को पूरी तरह से बदलने वाला है।

AI-आधारित नया ब्राउज़र: Dia

न्यूयॉर्क स्थित एक स्टार्टअप 'The Browser Company' ने एक अभिनव ब्राउज़र तैयार किया है, जिसका नाम है Dia। यह पारंपरिक ब्राउज़रों की तुलना में कहीं अधिक स्मार्ट और इंटरेक्टिव है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें एआई तकनीक इतनी गहराई से एकीकृत है कि यह आपके वेब अनुभव को पूरी तरह पर्सनलाइज और इंटेलिजेंट बना देती है।

उदाहरण के तौर पर, अगर आप किसी 20 मिनट लंबे वीडियो को देखने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो Dia आपको उसका सारांश टेक्स्ट फॉर्मेट में तुरंत उपलब्ध करवा देगा। इसी तरह, अगर आप किसी न्यूज़ आर्टिकल को पढ़ते समय उससे जुड़े सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो आपको दूसरी विंडो या टैब खोलने की जरूरत नहीं होगी।

बस Command + A दबाइए, और ब्राउज़र का AI-चैटबॉट एक्टिव हो जाएगा। इसके ज़रिए आप उस पेज के कंटेंट से संबंधित कोई भी सवाल पूछ सकते हैं और जवाब तुरंत स्क्रीन पर मिलेगा—बिना पेज छोड़े।

Dia बनाम ChatGPT और Gemini: क्या है खास?

जहाँ अब तक ChatGPT, Gemini या अन्य AI टूल्स को इस्तेमाल करने के लिए अलग टैब या वेबसाइट पर जाना पड़ता है, वहीं Dia इस झंझट को खत्म कर देता है। अब न तो आपको कंटेंट कॉपी-पेस्ट करना है और न ही दूसरी स्क्रीन पर स्विच करना है। AI अब आपके ब्राउज़र का हिस्सा बन गया है, जैसे वह आपके वेब अनुभव का सहायक बनकर बैठा हो।

Dia ब्राउज़र सिर्फ टेक्स्ट रिस्पॉन्स देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वेब पेज पर मौजूद डेटा को समझकर उसी संदर्भ में रियल-टाइम जवाब देने में सक्षम है। आपकी ब्राउज़िंग और जानकारी खोजने की आदतें इससे कहीं ज़्यादा सहज और स्मार्ट बन जाती हैं।

Google और अन्य कंपनियाँ क्या कर रही हैं?

गूगल ने हाल ही में अपने ब्राउज़र में AI सर्च मोड की शुरुआत की है, जिसे इस साल Google I/O इवेंट में प्रदर्शित किया गया था। यह फीचर ब्राउज़र के भीतर ही AI से सवाल-जवाब करने की सुविधा देता है और अब धीरे-धीरे यूज़र्स के लिए रोलआउट किया जा रहा है। हालांकि, मौजूदा हालात में यह Dia जितना यूज़र-सेंट्रिक या इंटरैक्टिव नहीं है।

उधर, खबरें आ रही हैं कि ChatGPT बनाने वाली OpenAI भी इस साल के अंत तक अपना खुद का वेब ब्राउज़र पेश कर सकती है। हालांकि, कंपनी की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

साथ ही, Perplexity AI नाम की एक और कंपनी ने भी Comet नामक AI-संचालित ब्राउज़र का विकास किया है, जो यूज़र्स को एआई के जरिए सवाल पूछने और ब्राउज़िंग का स्मार्ट अनुभव देने का दावा करता है।

भविष्य की ब्राउज़िंग का नया चेहरा

तकनीक की दुनिया में यह बदलाव संकेत देता है कि आने वाले समय में हमारा इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका पूरी तरह से बदल सकता है। अब ब्राउज़र सिर्फ सर्च इंजन या वेबपेज लोड करने का माध्यम नहीं रह जाएगा, बल्कि एक इंटेलिजेंट डिजिटल असिस्टेंट की भूमिका निभाएगा—जो आपकी जरूरत को पहले समझेगा और फिर उसका हल भी उसी स्क्रीन पर पेश करेगा।

AI-सक्षम ब्राउज़िंग का यह युग, न केवल हमें तेज़ और स्मार्ट तरीके से जानकारी उपलब्ध कराएगा, बल्कि प्रोडक्टिविटी और यूज़र एक्सपीरियंस को भी पूरी तरह से नया आयाम देगा।

आने वाला वक्त ब्राउज़र नहीं, AI-सहायक चलाएंगे – और Dia इसकी शुरुआत कर चुका है।