- पटना। बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं अब एक नए युग की ओर बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को राजधानी के ऊर्जा सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के 1800 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया आगामी दो से ढाई महीने में शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, सरकार अब अपने डॉक्टरों को उनकी पसंद के स्थानों पर पदस्थापित करने जा रही है – एक ऐसा निर्णय जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्थायित्व और गुणवत्ता दोनों को बढ़ावा देगा।
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- 694 नवनियुक्त डॉक्टरों को सौंपे गए नियुक्ति पत्र
- इस कार्यक्रम में कुल 694 वरीय चिकित्सा पदाधिकारियों और चिकित्सा पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी जैसे कि अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह पिछले दस दिनों में दूसरी बार है जब उन्हें डॉक्टरों के बीच नियुक्तिपत्र बांटने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि 31 मई को 228 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और 509 पीजी डॉक्टरों को पदस्थापित किया गया था। उन्होंने गर्व से कहा कि इन दस दिनों में राज्य सरकार ने करीब 1400 डॉक्टरों की नियुक्ति की है – जो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के इतिहास में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
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- चिकित्सकों की भारी कमी को दूर करने की दिशा में ठोस कदम
- बिहार में लंबे समय से चिकित्सकों की कमी एक बड़ी चुनौती रही है। लेकिन सरकार के हालिया प्रयासों से यह स्थिति अब बदलती दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया कि इन नियुक्तियों से न केवल चिकित्सा सेवाओं में सुधार आएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, जहां डॉक्टरों की अनुपलब्धता एक गंभीर मुद्दा रहा है।
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- जल्द होगी आयुष डॉक्टरों और सीएचओ की भी नियुक्ति
- स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है और इसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, 7468 एएनएम नर्सों की भी नियुक्ति पूरी हो चुकी है, जिनमें से 7300 नर्सों ने कार्यभार भी संभाल लिया है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आगामी डेढ़ महीने में 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHOs) की भी नियुक्ति की जाएगी।
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- पीएम मोदी और सीएम नीतीश के सहयोग का आभार
- मंगल पांडेय ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि दोनों नेताओं के सहयोग और समर्थन के कारण ही यह संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने कभी भी धन की कमी नहीं आने दी है।
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- मरीजों की सेवा में समर्पण और अनुशासन जरूरी
- मंत्री ने सभी नवनियुक्त डॉक्टरों से यह अपील की कि वे सेवा को कर्तव्य और धर्म की तरह निभाएं। उन्होंने कहा, "चिकित्सा सेवा केवल एक नौकरी नहीं, यह सेवा और संवेदना का दायित्व है।" डॉक्टरों को टीमवर्क में काम करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि एक मरीज की सेवा में डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और फार्मासिस्ट सभी की भूमिका अहम होती है।
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- अपर मुख्य सचिव की अपील: सेवा में संवेदना हो पहली प्राथमिकता
- इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी नए डॉक्टरों का स्वागत करते हुए उन्हें सेवा भाव के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में पीएमसीएच में घटी घटना एक दुखद अनुभव है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बिहार ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य अवसंरचना के क्षेत्र में बहुत विकास किया है, लेकिन सुधार की अभी भी जरूरत है।
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- अंत में, प्रत्यय अमृत ने मंगल पांडेय को सबसे लंबे समय तक स्वास्थ्य मंत्री रहने की बधाई भी दी और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी।