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  • दुमका, झारखंड। सावन का महीना जब आध्यात्म और आस्था के रंग में रंगा हो, तब बासुकीनाथ धाम का नजारा कुछ और ही होता है। मंगलवार की सुबह से ही यहां ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों ने पूरे मंदिर परिसर को भक्तिमय कर दिया। हर ओर सिर्फ श्रद्धा का सागर बह रहा है।
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  • तेज बारिश और फिसलन भरे रास्तों के बावजूद हजारों की संख्या में कांवरिए भगवान शिव को जल अर्पण करने के लिए उमड़ पड़े। बारिश भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सकी—बल्कि भक्तों ने इसे "शिव की कृपा" मानकर और भी भक्ति से सराबोर होकर यात्रा जारी रखी।
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  • बारिश में भी कांवरियों की आस्था अडिग
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  • मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी जारी होने के बावजूद कांवरियों के कदम नहीं रुके। सुल्तानगंज से पैदल गंगा जल लेकर आए श्रद्धालुओं ने कीचड़ और फिसलन को भुला दिया। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से आए श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ लंबी यात्रा कर यहां पहुंचे।
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  • रामकुमार सिंह, एक कांवरिया ने कहा,
  • "बारिश हमारे लिए शिव जी की कृपा है। यह यात्रा हमारे लिए तपस्या है, और हम इसी में सुख पाते हैं।"
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  • मंदिर परिसर में उमड़ी श्रद्धा की लहर
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  • सावन के सोमवार के चलते मंदिर परिसर और उसके आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ दोगुनी हो गई थी। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर सड़कों तक कांवरियों की लंबी कतारें लगी हुई थीं। सभी भक्त गेरुआ वस्त्रों में, कंधों पर कांवर लिए, शिव के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे।
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  • बारिश ने इस माहौल को और भी दिव्य बना दिया। हर दिशा में गूंजते ‘बोल बम’ के स्वर भक्तों की ऊर्जा को और बढ़ा रहे थे।
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  • प्रशासन ने संभाली कमान, भक्तों को मिली राहत
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  • जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने इस मौके पर व्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित की है:
  • जल अर्पण के लिए लाइन में गाइडेंस देने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती
  • पुलिस बल और आपदा प्रबंधन टीमों की मौजूदगी
  • मेडिकल कैंप और राहत शिविर, खासतौर पर बारिश के कारण होने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए
  • सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, ताकि सुरक्षा से कोई समझौता न हो
  • प्रशासन की तैयारियों की वजह से श्रद्धालुओं को बिना किसी बड़ी असुविधा के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है।
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  • शिव भक्ति में डूबा दुमका शहर
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  • बासुकीनाथ धाम के चारों ओर भंडारे, चाय स्टॉल, और विश्राम शिविरों का आयोजन किया गया है। दुकानदार और स्थानीय लोग कांवरियों की सेवा में तत्पर हैं। हर गली, हर मोड़ भक्ति और सेवा के रंग में रंगा है।
  • एक स्थानीय दुकानदार ने कहा,
  • "सावन में बासुकीनाथ धाम भक्ति का जीवंत केंद्र बन जाता है। यहां आकर भक्तों की सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।"
  • सावन के अंत तक जारी रहेगा शिवमय माहौल
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  • जैसे-जैसे सावन आगे बढ़ेगा, बासुकीनाथ धाम की रौनक और बढ़ेगी। कांवरियों की अटूट आस्था और शिवभक्ति की दिव्यता झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को और भी मजबूत बना रही है।
  • हर कांवरिया यहां सिर्फ दर्शन के लिए नहीं आता—वह शिव में लीन होने आता है, और यही समर्पण इस स्थल को भारत के सबसे पवित्र शिवधामों में एक बना देता है।