- Bihar April Revenue Rankings: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अप्रैल माह की अपर समाहर्त्ता (राजस्व) कार्यालयों की रैंकिंग सूची जारी की है। इस रैंकिंग ने एक बार फिर साबित किया है कि किस जिले ने राजस्व प्रशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस महीने बांका जिला के अपर समाहर्त्ता (एडीएम) राजस्व कार्यालय ने सभी को पछाड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि शेखपुरा ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया है।
-
- रैंकिंग में दिखा जिलों का उतार-चढ़ाव
- रैंकिंग में इस बार कई जिलों की स्थिति में बदलाव देखा गया है। मधुबनी, जो पिछले महीने छठे स्थान पर था, इस बार बेहतरीन प्रदर्शन कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। दूसरी ओर, जहानाबाद जो पहले दूसरे स्थान पर था, अब चौथे पायदान पर आ गया है। नालंदा भी एक स्थान नीचे खिसकते हुए पांचवें पायदान पर पहुंच गया है। औरंगाबाद ने बड़ी छलांग लगाई है – वह पिछले माह नौवें स्थान पर था और अब छठे स्थान पर पहुंच चुका है।
-
- कैमूर ने अपने सातवें स्थान को बरकरार रखा है, जबकि सीतामढ़ी भी आठवें स्थान पर कायम है। किशनगंज ने भी एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए नौवें स्थान पर और दरभंगा ने ग्यारहवें से दसवें स्थान पर सुधार किया है।
-
- राजस्व कार्यों की दक्षता के आधार पर तय होती है रैंकिंग
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग प्रत्येक जिले के एडीएम (राजस्व) कार्यालयों की रैंकिंग उनके द्वारा किए गए कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता के आधार पर करता है। इस रैंकिंग में विभिन्न प्रकार के राजस्व कार्य जैसे दाखिल-खारिज की निगरानी, परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण, अंचल कार्यालयों का निरीक्षण, और ऑनलाइन न्यायिक सुनवाई जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं।
-
- रैंकिंग के मानदंड और स्कोर वितरण
- रैंकिंग के निर्धारण में निम्नलिखित मापदंडों को शामिल किया गया है:
-
- दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण: 15%
- परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण: 15%
- अंचल कार्यालयों का निरीक्षण: 10%
- अभियान बसेरा 2: 15%
- दाखिल-खारिज रिविजन: 20%
- आधार सीडिंग स्टेटस: 5%
- जमाबन्दी कैंसलेशन: 15%
- ऑनलाइन हियरिंग: 5%
-
- इन सभी मापदंडों के अनुसार जिलों को अंक दिए जाते हैं, और कुल प्राप्तांक के आधार पर रैंकिंग तय होती है।
-
- राजस्व मंत्री का सख्त रुख – पिछड़े जिलों पर निगरानी जारी
- राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री संजय सरावगी ने कहा है कि जिन जिलों का प्रदर्शन अपेक्षा से कमतर रहा है, उन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। जिला स्तर से लेकर राज्य मुख्यालय तक वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है ताकि आम नागरिकों को भूमि संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
-
- अप्रैल 2025 के टॉप 10 एडीएम (राजस्व) कार्यालय
- बांका
- शेखपुरा
- मधुबनी
- जहानाबाद
- नालंदा
- औरंगाबाद
- कैमूर
- सीतामढ़ी
- किशनगंज
- दरभंगा
-
- अंतिम 10 एडीएम (राजस्व) कार्यालय – सुधार की दरकार
- वैशाली
- पश्चिम चंपारण
- लखीसराय
- रोहतास
- शिवहर
- जमुई
- सुपौल
- पटना
- सहरसा
- भागलपुर
-
- इन जिलों के कार्यालयों को सुधार के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि सभी जिलों में राजस्व सेवाओं का संचालन पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से हो।