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  • पटना। राजधानी पटना में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया गया है। शहर की सड़कों पर अनुशासन लाने के उद्देश्य से ट्रैफिक पुलिस लगातार सक्रिय है, और इस साल जनवरी से जून तक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर बड़ी संख्या में कार्रवाई की गई है।
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  • गंभीर लापरवाही पर कसा शिकंजा
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  • जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से मिली जानकारी के अनुसार, बीते छह महीनों में 988 मामलों में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) रद्द करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इनमें से 578 मामलों में डीएल को निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी किया गया है। वहीं, लगभग 900 वाहन मालिकों को उनके वाहन पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया से पहले नोटिस भेजा गया है। इन सभी मालिकों से लिखित जवाब मांगा गया है, और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर नोटिस भेजे जा रहे हैं।
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  • डीएल निलंबन: किन स्थितियों में होती है कार्रवाई
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  • डीटीओ कार्यालय के अनुसार, यदि कोई वाहन चालक:
  • बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है,
  • जांच के दौरान वैध ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन के कागजात प्रस्तुत नहीं करता है,
    तो उसके खिलाफ ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की प्रक्रिया शुरू होती है।
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  • यदि किसी वाहन चालक का डीएल पहले से निलंबित पाया जाता है और वह दोबारा पकड़ा जाता है, तो ₹5000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्रैफिक कानूनों के तहत डीएल को कम से कम 3 से 6 महीने तक के लिए निलंबित किया जा सकता है।
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  • डीटीओ की चेतावनी: नियम तोड़े, तो होगी कार्रवाई
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  • पटना के डीटीओ उपेन्द्र कुमार पाल ने बताया कि राजधानी में बड़ी संख्या में युवा लापरवाही से गाड़ी चला रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना लगातार बढ़ रही है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि कोई वाहन चालक यातायात नियमों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ न केवल डीएल निलंबन, बल्कि वाहन रजिस्ट्रेशन रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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  • पिछले छह महीनों में 30 ड्राइविंग लाइसेंस रद्द
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  • बीते छह महीनों में ट्रैफिक नियमों के गंभीर उल्लंघन के चलते 30 से अधिक वाहन चालकों के डीएल रद्द कर दिए गए हैं। डीएल रद्द करने से पहले लाइसेंसिंग प्राधिकरण दोनों पक्षों की सुनवाई करता है, और साक्ष्य एवं जवाबों के आधार पर डीटीओ अंतिम निर्णय लेते हैं।