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  • बिहार के कृषि विभाग ने जुलाई और अगस्त महीने के लिए किसानों को खरीफ फसलों, सब्जियों और बागवानी को लेकर बेहद जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। इन वैज्ञानिक और तकनीकी सलाहों का पालन कर किसान न केवल अपनी फसलों की उत्पादकता में इजाफा कर सकते हैं, बल्कि फसल की गुणवत्ता को भी बेहतर बना सकते हैं। विभाग के अनुसार इन महीनों में धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली, पपीता, आम, लीची जैसे फलों और सब्जियों की खेती के लिए खास उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है।
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  • कृषि विभाग आधुनिक तरीकों को अपनाकर खेती को वैज्ञानिक आधार दे रहा है, जिससे राज्य की कृषि व्यवस्था मजबूत हुई है और किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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  • जुलाई में क्या करें किसान: धान, सब्जियों और बागवानी पर विशेष ध्यान
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  • धान की देखभाल: खरपतवार और कीट नियंत्रण
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  • रोपाई के 15-20 दिन बाद निकौनी करें, यानी खेत से खरपतवार हटाएं।
  • इसके अलावा, इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (1 मिली प्रति 3 लीटर पानी) का स्प्रे भी प्रभावी है।
  • मिर्च, टमाटर और गोभी की बुवाई शुरू करें
  • जुलाई में मिर्च, टमाटर और अगात गोभी के बीजों को बीजोपचार के बाद उचित स्थान पर बोना चाहिए। बीजों को रोगमुक्त करने के लिए बीजोपचार बेहद जरूरी है।
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  • खरीफ चारे की बुवाई पूरी करें
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  • इस माह खरीफ चारे की बुवाई अंतिम चरण में होती है। पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समय पर इसकी बुवाई करना फायदेमंद रहता है।
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  • फलदार वृक्षों के लिए जरूरी गतिविधियां
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  • ग्राफ्टिंग, स्टूलिंग, और एयर लेयरिंग जैसी तकनीकों से फलदार पौधों की नस्ल सुधारें।
  • पपीता के पौधों की रोपाई और फलों के नए बागों के लिए गड्ढों में पौधारोपण जुलाई के अंत तक अवश्य करें।
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  • अगस्त में किसानों के लिए क्या सुझाव हैं?
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  • धान की फसल में पोषण और कीट नियंत्रण पर जोर दें
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  • जुलाई में जिन खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है, वहां अगस्त में विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
  • आवश्यकता अनुसार यूरिया का छिड़काव करें।
  • रासायनिक खादों के साथ अल्गी कल्चर (10 किग्रा/हेक्टेयर) का प्रयोग करने से मृदा की उर्वरता बनी रहती है।
  • कीट और रोग नियंत्रण के लिए स्प्रे करें
  • हिस्पा कीट के नियंत्रण के लिए साइपरमेथ्रिन 10 ईसी या फेनवलरेट 20 ईसी (1 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें।
  • बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोकने के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (60 ग्राम) और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (2.5 किलो/हेक्टेयर) का मिश्रण बनाकर छिड़काव करें।
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  • बरसाती सब्जियों की विशेष देखभाल करें
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  • अगस्त में वर्षा अधिक होती है, जिससे सब्जियों की फसल पर असर पड़ता है। ऐसे में:
  • निकाई-गुड़ाई करें और खेत में जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • मिर्च, बैंगन, और टमाटर की रोपाई इसी महीने पूरी करें।
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  • फलदार पौधों की रोपाई करें
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  • अप्रैल-मई में जिन गड्ढों की तैयारी की गई थी, उनमें पपीता, आम, और लीची के पौधों की रोपाई अगस्त के अंत तक पूरी कर लें।
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  • समय पर करें उर्वरक और जल प्रबंधन
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  • कृषि विभाग का सुझाव है कि किसान इस महीने समय पर कीट-रोग प्रबंधन, उचित उर्वरक उपयोग और जल निकासी पर विशेष ध्यान दें, ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।
  • मुख्य बातें संक्षेप में:
महीनाफसल/क्रियासुझाव
जुलाईधानबिचड़ों को कीटनाशक में डुबोकर रोपाई, खरपतवार हटाना, धड़छेदक की रोकथाम
जुलाईसब्जियांमिर्च, टमाटर, गोभी की बुवाई
जुलाईबागवानीपपीता रोपाई, ग्राफ्टिंग, स्टूलिंग
अगस्तधानयूरिया, अल्गी कल्चर, फेरोमोन ट्रैप
अगस्तसब्जियांरोपाई, जल निकासी, कीट नियंत्रण
अगस्तफलआम, पपीता, लीची पौधरोपण