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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के कार्यकाल की शुरुआत में ही मंत्रिमंडल गठन से लेकर अफसरों की तैनाती तक दिल्ली दरबार और प्रदेश सरकार के बीच मौन असहमति और सहमति का दौर चलता रहा, उनकी जनता के बीच खूब चर्चा भी हुई। उस दौर के गुजरने के बाद दूसरी बार सीएम की कुर्सी पर बैठे आदित्यनाथ ने राज्य के विकास को गति देने के लिए ताबड़तोड़ फैसले लिए। हालांकि बतौर मुख्यमंत्री अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने जो फैसले लिए, उनमें से कुछ फैसले देश भर के राज्यों के लिए माडल बनें। चाहे वह अपराधियों की अर्जित अवैध सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने और उन्हें जब्त करने का फैसला हो या सार्व​जनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से ही क्षति की वसूली का फरमान। कुछ राज्य सरकारों ने उन फैसलों को लागू भी किया। उनके दूसरे कार्यकाल में भी इन फैसलों की धमक महसूस की जा रही है।

सबसे अधिक चर्चित फैसला धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने का

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे अधिक चर्चित और साहसिक फैसला, धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने का रहा। चाहे मंदिर हो या मस्जिद, उत्तर प्रदेश पुलिस हर धार्मिक स्थल तक पहुंची और उन्हें इस बाबत नोटिस थमाया। धार्मिक स्थलों से 75,190 लाउडस्पीकर हटाये गये। 50 हजार से ज्यादा लाउडस्पीकरों के ध्वनि की तीव्रता कम करायी गयी। आम जनता को उसका नतीजा भी दिखा। ध्वनि प्रदूषण की वजह से आम लोगों को रोजमर्रा के जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिली।

प्रदेश में पहली बार एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन

प्रदेश में पहली बार एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया और राज्य भर में मादक पदार्थों की धरपकड़ के लिए ताबड़तोड़ विशेष अभियान शुरु हुआ। इस दरम्यान टास्क फोर्स ने करीबन 40 करोड़ के नशीले पदार्थ जब्त किए। नतीजतन ड्रग्स माफियाओं की कमर टूट गयी। बुलडोजर बाबा के नाम से मशहूर सीएम योगी का अपराधियों और अवैध रुप से अर्जित सम्पत्तियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश उनके दूसरे कार्यकाल में भी जारी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक 21.50 अरब से ज्यादा की अवैध सम्पत्तियां जब्त हो चुकी हैं। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक दस हजार से ज्यादा पदों पर पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई है और 5381 नये पदों पर भर्ती की मंजूरी ​दी गयी है।

‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट—2023’ 10 से 12 फरवरी तक 

हालिया 22 नवम्बर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ की औपचारिक घोषणा कर उसके ‘लोगो’ का अनावरण किया। इसका आयोजन वर्ष 2023 में 10 से 12 फरवरी तक होगा। इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए सरकार 18 देशों में रोड शो आयोजित कर रही है। राज्य सरकार के दर्जन भर से ज्यादा मंत्रियों और अफसरों की टीम नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और मारीशस आदि देशों की यात्रा पर है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 16 नवम्बर को उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 को मंजूरी दी गयी है। इसके तहत अब निजी क्षेत्र में सोलर पार्क की स्थापना के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्ष के लिए पटटे दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में नई पर्यटन नीति-2022 को भी मंजूरी मिली है। प्रदेश के 10 जिलों में भव्य व अत्याधुनिक सुविधाओं वाले न्यायालय भवनों के निर्माण का भी फैसला लिया गया है।

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