जिस पत्रकार की शुरुआत ही फ़र्ज़ी हो, उसको ख़त्म क्यों नहीं होना चाहिए ?
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- Mediavarta Desk
- September 11, 2020
- Media News
कौन था वो पत्रकार जिसने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत एक फ़र्ज़ी स्टिंग (Sting) से की थी।
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दिल्ली की एक निर्दोष अध्यापिका (Teacher) उमा खुराना (Uma Khurana) को सेक्स रैकेट का सरगना बताकर, लगभग उनकी लिंचिंग (Lynching) करवा दी थी।
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चैनल द्वारा स्टिंग के वीडियो फुटेज प्रसारित करने के तुरंत बाद, 41 वर्षीय खुराना को अनैतिक तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, एक हफ्ते बाद, स्टिंग को गलत एवं झूठा पाया गया।
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क्यूंकि महिला को एक छात्र के रूप में दिखाया गया था और एक वेश्यावृत्ति रैकेट का शिकार एक महत्वाकांक्षी पत्रकार निकला।
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अदालत ने बाद में खुराना को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था। मगर सोचिए क्या मिला उस महिला को। खबरों में रुसवाई हुई।
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जो चैनल ने जनभावना तैयार की, उसकी वजह से कपड़े फटे। पिटाई मिली। जान किसी तरह बच गई। मगर फर्जी स्टिंग चलाने वाले पत्रकार महोदय आज तरक्की करके सुना है करोड़ो के मालिक हो गए है।