What is Positive Pay System for cheques? Positive Pay System प्रक्रिया में चेक जारी करने वाला व्यक्ति अदाकर्ता बैंक को विवरण देता है। विवरण के तौर पर चेक नम्बर, तारीख, धनराशि, धनराशि प्राप्त करने वाले का नाम आदि दर्ज होता है। यह विवरण सिस्टम में सेव भी होता है। जब किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए चेक का भुगतान होता है तो उससे पहले व्यक्ति के द्वारा दिए गए चेक पर दर्ज विवरण फिर से चेक किया जाता है, इस प्रक्रिया को क्रास चेक करना कहते हैं।
ऐसे में चेक जारी करने वाला व्यक्ति बैंक के ब्रांच के जरिए भी इस विवरण की सूचना दे सकता है या फिर इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस, योनो और अन्य वैकल्पिक माध्यमों से बैंक को चेक के विवरण से जुड़ी जानकारी दे सकता है। पीपीएस (Positive Pay System) की कार्यक्षमता उन सभी एसबीआई ग्राहकों के लिए बढ़ा दी गई है जिनके पास चेक संचालित खाते हैं।
आपको बता दें कि परिपत्र संख्या RBI/2020-21/41 http://DPSS.CO.RPPD.No.309/ के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपने चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम (CTS) के लिए सकारात्मक वेतन प्रणाली (PPS) (Positive Pay System) शुरू करने की घोषणा की है।
पंजीकरण की सुविधा सभी ब्रांच में उपलब्ध (What is Positive Pay System for cheques?)
एसबीआई (State Bank of India) (SBI) के मुताबिक बैंक उपभोक्ता किसी भी ब्रांच में आवेदन जमा करके सकारात्मक वेतन सुविधा (Positive Pay System) रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। पीपीएस पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, और ग्राहक अपनी सुविधा के लिए अपने विवेक से रजिस्ट्रेशन का विकल्प चुन सकते हैं।
पीपीएस अनिवार्य नहीं (What is Positive Pay System for cheques?)
हालांकि पीपीएस (Positive Pay System) को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, फिर भी ग्राहकों को यह सलाह दी जाती है कि वह इसका विकल्प चुने, क्योंकि धोखाधड़ी से रोकथाम का यह सर्वोत्तम उपाय है। Positive Pay System के तहत रजिस्ट्रेशन और चेक का विवरण देना उनके हित में है।
पंजीकरण के बाद चेक विवरण बैंक को दिया जाना जरूरी (What is Positive Pay System for cheques?)
बैंक उपभोक्ता रजिस्ट्रेशन के बाद अपने जारी किए गए चेकों का विवरण दे सकते हैं। Positive Pay System का चयन करने वाले उपभोक्ता खाता स्तर की सीमा का चयन कर सकते हैं, ऐसे में उसके बराबर और उससे अधिक के जारी किए जाने वाले सभी चेकों का विवरण भी बैंक को दिया जाना चाहिए।
आम तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked questions)
प्रश्न – क्या सभी चेकों के लिए पीपीएस (Positive Pay System) चुनना अनिवार्य है?
उत्तर – नहीं, अभी यह सुविधा वैकल्पिक है. (facility is optional).
प्रश्न – क्या चेक जारी करने के बाद बैंक को चेक विवरण प्रदान करने की कोई समय सीमा ( time limit ) है?
उत्तर – हां, चेक जारी होने के तुरंत बाद बैंक को चेक विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हालाँकि, प्रदान की गई चेक तिथि 90 दिनों से अधिक पुरानी नहीं हो सकती है, लेकिन यह भविष्य की तारीख हो सकती है।
प्रश्न – क्या चेक क्लीयरेंस के लिए पीपीएस (Positive Pay System) अनुरोध को रद्द करने का कोई विकल्प उपलब्ध है?
उत्तर – हां, ग्राहक आईएनबी (INB) , योनो लाइट (YONO) , योनो एसबीआई (SBI) और एसबीआई शाखाओं के माध्यम से अनुरोध को रद्द कर सकते हैं।
प्रश्न – क्या होगा यदि मैं सुविधा का चयन करने के बावजूद चेक का विवरण इनपुट नहीं करता या यदि कोई ग्राहक सुविधा का विकल्प नहीं देता है? क्या उसके द्वारा जारी किए गए चेक वापस कर दिए जाएंगे?
उत्तर – अभी तक, सुविधा वैकल्पिक है (facility is optional) , और विवरण उपलब्ध नहीं होने पर कोई चेक वापस नहीं किया जाएगा ( no cheque will be returned if the details are not available) । हालांकि, बैंक भविष्य की तारीख में एक विशिष्ट सीमा और उससे अधिक के लिए पीपीएस (Positive Pay System) अनिवार्य कर सकता है। उस समय विवरण का प्रावधान अनिवार्य हो जाएगा और पीपीएस डेटा के अभाव/बेमेल होने पर चेक वापस किया जा सकता है।
प्रश्न – क्या पंजीकरण/खाता स्तर (registration/account) की सीमा स्थायी है? क्या इसे बदला जा सकता है?
उत्तर- ये स्थायी नहीं होते हैं। पंजीकरण रद्द किया जा सकता है और ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में खाता स्तर की सीमा को भी बदला जा सकता है।
प्रश्न – ग्राहक को Instrument type कहां से मिल सकता है?
उत्तर – Instrument type दो अंकों का कोड (10/11/13/29/30/31) हैए जो चेक के नीचे दाईं ओर MICR बैंड (MICR band) में अंतिम आइटम के रूप में दिखाई देता है।
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