
देहरादून। उत्तराखंड राज्य को पांच हजार करोड़ रूपये के घाटे का सामना करना पड़ सकता है। इस महीने से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की व्यवस्था खत्म हो रही है। राजस्व के घाटे की वजह भी इस व्यवस्था का खत्म होना है। बिजली परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यह बात कहीं
जीएसटी क्षतिपूर्ति इस महीने से बंद
उन्होंने कहा कि हमें केंद्र सरकार की तरफ से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति इस महीने से बंद हो जाएगी। इसकी वजह से प्रदेश को 5,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा। हमारे लिए यह बड़ी चुनौती है। इस साल यूपीसीएल ने 790 करोड़ रुपये की बिजली खरीद की है। यह भी चुनौती है।
चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधनों को बढाना होगा
सीएम ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधनों को बढाना होगा। सही तरीके से पैरों पर खड़ा होना है। सभी व्यवस्थाओं का सही तरीके से संचालन करना है। राज्य को अधिक-से-अधिक राजस्व प्राप्त हो, इस दिशा में काम करना है।
ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में अनेक संभावनाएं
धामी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य को ‘ऊर्जा प्रदेश’ बनाने की तरफ तेजी से काम करना होगा। ऊर्जा, राजस्व के रूप में एक अहम स्रोत है। उत्तराखंड में जल-विद्युत की ज्यादा संभावनाएं हैं। जल-विद्युत परियोजनाओं पर तेजी से कार्य करने की जरूरत है और सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अफसर बिजली की रोस्टिंग कम-से-कम करें और उसके लिए भी समय तय करें। विद्युत मीटरों, बिजली के बिलों की शिकायतों पर कारवाई करें।
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