UP Vidhansabha: आठ दिन तक 55 घंटे 57 मिनट चला सदन, आम जन के लिए खोली जाएगी असेम्बली
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- Mediavarta Desk
- June 1, 2022
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लखनऊ। यूपी की अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में कुल छह अहम विधेयक पास किए गए। सदन की कार्यवाही 55 घंटे 57 मिनट चली। खास बात यह रही कि इस दौरान सदन बाधित नहीं हुआ। यह भी तय हुआ कि विधानसभा आमजन के लिए खोला जाएगा। स्कूली बच्चों को भी विधानसभा की कार्यवाही के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा विधायकों के परिवार के सदस्यों को भी कार्यवाही के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनको भोज पर आमंत्रित किया जाएगा।
आठ दिन तक चले सदन में यह हुई कार्यवाही
सदन की कार्यवाही कुल 55 घण्टे 57 मिनट चली।
अल्पसूचित प्रश्न तीन, तारांकित प्रश्न 439, अतारांकित प्रश्न 1524 प्राप्त हुए।
हर दिन आने वाले तारांकित प्रश्न लगभग सभी लिये गये। यह अपने आप में एक रिकार्ड है।
पिछली कई विधानसभाओं में 5-6 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिये जा पाते थे।
31 मई को एक दिन में 656 याचिकायें आयीं।
सदन में कुल 2326 याचिकायें आईं।
नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी बढ़ी हैं।
नियम-301 के अन्तर्गत 489 सूचनायें प्राप्त हुई। इनमें से 248 सूचनायें स्वीकार की गईं।
सामान्य रूप से 15 सूचनायें ही स्वीकार की जाती थीं।
नियम-51 के अन्तर्गत 753 सूचनायें प्राप्त हुई। जिनमें से 330 सूचनायें स्वीकार की गईं।
नियम-51 के तहत स्वीकार होने वाली इन सूचनाओं की संख्या भी पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है।
कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनायें प्राप्त हुईं
राज्यपाल के अभिभाषण व बजट पर बोले 125 सदस्य
राज्यपाल अभिभाषण और बजट पर कुल 125 सदस्यों ने अपने विचार रखे।
सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से आठ बजे रात तक अथवा उससे आगे भी संचालित की गयी।
सदन के युवा सदस्यों को भी बोलने का अधिक से अधिक अवसर दिया गया।
इस सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी।
यूपी विधान सभा में कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस हुई।
प्रथम सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसमें कोई स्थगन नहीं हुआ।
सदन में व्यवधान भी लगभग नगण्य रहा।
प्रश्न प्रहर बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हुआ।
जनता के लिए खोला जाएगा विधानसभा
आने वाले समय में विधान सभा के गाइडेड टूर कराये जायेंगे।
जनमानस को यह बताया जाएगा कि विधान सभा में समितियाँ किस प्रकार चलती हैं।
विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी सत्र के दौरान बुलाया गया।
उनको सदन के अन्दर कार्यवाही देखने हेतु बैठाया गया।
यह एक नई परम्परा है।
जब सत्र संचालित नहीं होंगे तब स्कूली बच्चों को बुलाकर सदन के अन्दर सदन की कार्यवाही भी करायी जाएगी।
इससे बच्चों को विधायिका के विषय में ज्ञान प्राप्त होगा एवं प्रेरणा मिलेगी।
विधायकों के परिवारिक सदस्यों को विधान सभा में भोज पर बुलाकर विधान सभा की कार्यवाही के विषय में बताया जाएगा।
विधान सभा के अन्दर एक ध्वनि एवं प्रकाश का इस प्रकार का कार्यक्रम कराया जाए।
जिससे विधान सभा एवं विधान सभा से जुड़े हुए ऐतिहासिक तत्वों को डिजिटल ढंग से प्रदर्शित किया जा सके।
पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा।