
UP Nagar Nikay Chunav 2022: मेरठ। निकाय चुनावों (Nikay Chunav Meerut) की दुंदुभी बजने वाली है। सियासी दल अपने अपने पैंतरे आजमाने शुरू कर चुके हैं। मेरठ नगर निगम का चुनाव दिलचस्प होगा। भाजपा अपनी खोई ताकत एक बार फिर हासिल करने की तैयारी में है। बसपा भी इतिहास दोहराने की उम्मीद पाले बैठे है। सपा ने मौजूदा मेयर को अपने पाले में कर लिया है। इसलिए साइकिल भी मेरठ में अपनी रफ्तार बढाने के लिए ताकत लगा रही है।
सियासी गलबहियां और पैंतरेबाजी तेज हो रही (UP Nagar Nikay Chunav 2022)
जैसे—जैसे निकाय चुनावों की घोषणा का समय नजदीक आ रहा है। वैसे वैसे सियासी गलबहियां और पैंतरेबाजी तेज हो रही है। अभी आरक्षण वगैरह की प्रक्रिया वार्डों में जारी है। शासन से हरी झंडी कुछ ही समय में मिल सकती है। पर उसके पहले सभी सियासी दल अपनी अपनी मोहरे सजाने में जुट गए हैं। मेरठ नगर निगम के चुनाव पर सबकी नजर है। 2017 के चुनाव में बसपा की सुनीता वर्मा को महापौर पद का सिरमौर हासिल हुआ था। भाजपा और सपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। चूंकि उस समय मेरठ की नगर निगम की सीट एससी जाति के लिए रिजर्व थी। पर इस पर यह सीट अनारक्षित घोषित हो सकती है। इसको देखते हुए बीजेपी अभी से अपनी तैयारी में जुट गयी है। वह किसी भी कीमत पर महापौर का पद हथियान चाहती है। सुनीता वर्मा पहले ही साइकिल पर सवाल हो चुकी है। पूर्व एमएलए योगेश वर्मा उनके पति हैं और वह पहले से ही सपा मे हैं। 2022 चुनाव में मेरठ के हस्तिनापुर विधानसभा सीट पर वह अपना भाग्य आजमा चुके हैं। बसपा और सपा भी मेयर की कुर्सी के लिए पूरी जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।
सपा और रालोद गठबंधन को अपनी जीत का भरोसा (UP Nagar Nikay Chunav 2022)
सपा और रालोद का गठबंधन निकाय चुनाव में बाजी मारने की तैयारी में है। उधर अभी हालिया बसपा में शामिल हुए इमरान मसूद भी जिलों का दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने में जुटे हैं। कांग्रेस के प्रदर्शन की जिम्मेदारी प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुददीन सिददीकी की है। वह भी पश्चिमी यूपी का दौरा कर पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव में जुटने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।
सपा को साबित करना होगा अपना दबदबा
पर सपा के लिए जीत इतनी भी आसान नहीं है। भले ही मेरठ जिले में 2022 के चुनाव में सपा ने जीत का झंडा लहराया था। जिले की सात सीटों में से चार पर साइकिल दौड़ी थी। भाजपा सिर्फ तीन सीटों पर ही कब्जा जमा पायी थी। भाजपा सत्ता में है। ऐसे में सपा को मेयर सीट पर कब्जा करने के लिए मुश्किल सियासी जंग से गुजरना होगा। यह समझना मुश्किल भी नहीं है। नगर निगम के सभासद प्रत्याशियों को भी जिताना सपा के लिए आसान नहीं है। हालांकि वह यह प्रयास कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा सपा के पार्षद जीत कर आएं। मेरठ में दो नगर पालिका परिषद और आठ नगर पंचायते हैं। सपा उनके अध्यक्षों की कुर्सी भी कब्जाना चाहती है।
क्या सपा-रालोद के बीच खींचतान का पड़ेगा असर?(UP Nagar Nikay Chunav 2022)
चूंकि सपा और रालोद के बीच चुनावी गठबंधन है। ऐसे में किन सीटों पर किस पार्टी के प्रत्याशी खड़े होंगे। यह तय करने की राह भी कठिन होगी। देखा जाए तो 2017 के चुनाव में सपा और रालोद अलग अलग चुनाव लड़े थे और मेरठ के 90 वार्डों में से सिर्फ 5 पर ही जीत मिल सकी थी। सपा के चार और रालोद का एक सभासद प्रत्याशी जीता था।
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