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इस्लामाबाद। पाकिस्तान का नाम सामूहिक हत्याओं वाले देशों की सूची में पहले पायदान पर दर्ज है। यूएस थिंक टैंक अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट के ताजा आंकलन में यह बताया गया है। अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट की 28 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की गतिविधियां हिंसक हैं। उसकी गतिविधियां पाकिस्तान में मानवाधिकारों को चुनौती दे रही हैं।

द अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट संयुक्त राज्य अमेरिका के होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम में साइमन-स्कजोड सेंटर फॉर द प्रिवेंशन ऑफ जेनोसाइड और डार्टमाउथ कॉलेज में डिकी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग की संयुक्त पहल है। शीर्ष दस की सूची में अन्य एशियाई देशों में म्यांमार दूसरे स्थान पर और यमन तीसरे स्थान पर है।

अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट शोध संगठन है। यह बड़े पैमाने पर हिंसा के जोखिम वाले देशों की पहचान करता है। रिपोर्ट में तालिबान की एक स्थानीय शाखा द्वारा हिंसा का हवाला दिया गया है, जो पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकटों का सामना कर रहे राष्ट्र के लिए मुख्य चुनौतियों में से एक है।

यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस सप्ताह सरकार के साथ संघर्ष विराम को वापस लिया है। यह संगठन संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, अफगानिस्तान में इसके 4,000 से 6,500 लड़ाके हैं। इसका फैलाव कबायली क्षेत्र से बाहर पाकिस्तानी शहरों तक है।

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