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रायबरेली (इम्तियाज अहमद खान) : बछरावां के हालात बदलने के लिए मैंने सब कुछ न्योछावर कर दिया। अगर बछरावा की जनता पर कोई आंच आई तो सुशील पासी सबसे पहले खड़ा हुआ। हम बंधुत्व की राजनीति करते है और यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है। एक समाज वर्ग को दुसरे से लडाना यही अन्य दलों व नेताओ की विशेषता है |

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बारी बारी आपने सबको विधायक बनने का मौका दिया इस बार सुशील को मौका दे | बहन साधना लोधी जी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा कि भाजपा ने देश के सरकारी संपत्ति को बेचने का काम किया है, भाई को भाई से लड़ाने का काम किया है | एक छोटी सी कविता के माध्यम से बंधुत्व का सन्देश दिया गया कि-

मंदिर’ में दाना चुगकर चिड़ियां ‘मस्जिद’ में पानी पीती हैं,
मैंने सुना है ‘राधा’ की चुनरी, कोई ‘सलमा’ बेगम सोती हैं
एक ‘रफ़ी’ था महफ़िल महफ़िल ‘रघुपति राघव’ गाता था
एक ‘प्रेमचंद’ बच्चों को ‘ईदगाह’ सुनाता था
कभी ‘कन्हैया’ की महिमा गाता ‘रसखान’ सुनाई देता है
औरों को दिखते होंगे ‘हिन्दू’ और ‘मुसलमान’
मुझे तो हर शख़्स के भीतर ‘इंसान’ दिखाई देता है
मुझे तो हर शख़्स के भीतर ‘इंसान’ दिखाई देता है

जो चाहते है बिजली का बिल हाफ हो कोरोना का बकाया साफ़ हो, जो चाहते है बच्चे पढ़े वो कांग्रेस को वोट करेंगे | वोट के ठेकेदार सुशील जी को रोकना चाहते है और सुशील पासी चट्टान की तरह खड़े है अडिग है | बछरावां के सारे उम्मीदवारों की तुलना करे और मंथन करेंगे तो आप पाएंगे की उनसे ज्यादा पढ़ा लिखा प्रत्याशी पूरी विधानसभा में नहीं है अन्य प्रत्याशियों को देखेंगे तो कोई आठवी पढ़ा है तो कोई दसवीं |

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ये बछरावां की जनता तय करेगी की उन्हें पढ़ा लिखा समझदार विधायक बनाना है या फिर ऐसा जो आपकी बातो को भी ठीक से न रख सके | एक तरफ सुशील पासी है जो बछरावां के कोने कोने से परिचित है दूसरी तरफ ऐसे प्रत्याशी है जो बछरावां के गाँवो के नाम तक ठीक से नहीं जानते वो क्या बछरावां का विकास करेंगे | 22 साल बाद इस शिक्षक को मौका अवश्य दे |मंडल ब्यूरो चीफ।