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Diwali 2022, diwali puja vidhi: महापर्व दीपावली 24 अक्तूबर 2022 को है। दिवाली सनातन धर्म के प्रमुख पर्व में शामिल है। इस पर्व पर मां लक्ष्मी—गणेश जी और भगवान कुबेर की विशेष पूजा होती है। पर इस साल कुछ अनोखा हो रहा है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली महापर्व के पांच दिनों के दौरान लगेगा। यह ग्रहण 25 अक्टूबर को होगा और आंशिक होगा। जिसे देश के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से इस बार महापर्व के दौरान सूर्यग्रहण का साया रहेगा। दिवाली के अगले दिन ग्रहण होने से गोवर्धन पूजा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी। 27 वर्षों बाद ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी।

ग्रहण में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ वर्जित

धार्मिक नजरिए से ग्रहण को अशुभ माना गया है और ग्रहण में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ वर्जित हो जाता है। इस कारण से गोवर्धन पूजा एक के लिए टल गया है। यह साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा इससे पहले 30 अप्रैल 2022 को सूर्य ग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया था। 27 वर्षों बाद ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी।खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार यह सूर्य ग्रहण देश उत्तरी और पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। वहां अगर भारत के अलावा दूसरे देशों की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम-पूर्व एशिया में देखा जा सकेगा।

25 अक्तूबर को भारत में कब और कहां-कहां दिखेगा सूर्यग्रहण

दिवाली के अगले दिन बाद अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण शाम साढ़े 4 बजे चरम पर रहेगा। इस समय देश में दिखाई देना शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण दिल्ली,गुजरात, राजस्थान,पंजाब, उत्तराखंड, लेह, जम्मू-श्रीनगर में अच्छे से देखा जा सकेगा।

कब लगता है सूर्यग्रहण

धार्मिक और खगोलीय नजरिए से ग्रहण का बहुत ही खास महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों लगभग एक ही सीध में आ जाते हैं। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस बार दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्तूबर को सूर्य,चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक लाइन में होंगे। ऐसे में चंद्रमा कुछ देर के लिए सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है। देश में 25 अक्तूबर को शाम करीब 4 बजकर 30 मिनट पर सूर्य ग्रहण दिखाई देने लगेगा।

दिवाली महापर्व और सूर्य ग्रहण

पंच महापर्व दिवाली 22 अक्तूबर को धनतेरस के साथ शुरू हो जाएगी। फिर 23 अक्तूबर को रूप चौदस मनाई जाएगी और 24 अक्तूबर को दिवाली मनाई जाएगी। 25 अक्तूबर को आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा इस कारण से इस दिन कोई त्योहार नहीं मनाया जाएगा। इसके बाद 26 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा और 27 अक्तूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।

25 अक्तूबर को सूतक काल रहेगा प्रभावी

धार्मिक नजरिए से जब सूर्य ग्रहण लगता है तो सूतक काल प्रभावी हो जाता है और यह सू्तक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से शुरू होता है। 26 अक्तूबर को सूर्यग्रहण भारत में शाम साढ़े 4 बजे से लगना प्रारंभ हो जाएगा ऐसे में सूतककाल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा। इस कारण से गोवर्धन पूजा 25 की जगह 26 अक्तूबर को मनाया जाएगा। सूतक काल में कोई भी शुभ काम और पूजा -पाठ नहीं किया जाता है। इस दिन पर सभी मंदिरों के पट बंद कर दिया जाता है। ग्रहण की समाप्ति पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है।

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