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Akhilesh Yadav on Yogi Govt: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि कई बार यूपी की सड़कों के गडढे भरने के लिए बजट जारी हुआ। पर बजट की वह धनराशि किस गडढे में गयी, इसका पता जांच से ही चल पाएगा। सरकारी आंकड़े भी बताते हैं कि यूपी में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। सैकड़ों लोगों की जानें जाती हैं।

सड़कों में गडढे या गडढों में सड़कें

रविवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़कें हैं। सड़कों की बदहाली में भी यूपी अव्वल है। यूपी में गड्ढे भरने की तारीख पर तारीख दी जा रही है। पर अब तक तो कुछ नहीं हुआ, और न कोई उनकी सुनता है, और न कोई उन पर अमल करता है। गडढे भरने की धनराशि का बंदरबाट हुआ है।

सड़कों को गडढा मुक्त करने की योजना मात्र भ्रष्टाचार

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की गडढा भरने की योजना सिर्फ भ्रष्टाचार मात्र हैं। भाजपा सरकार में गड्ढा मुक्त सड़कों का हो हल्ला कई बार मचा, नतीजा कुछ नहीं निकला, उल्टे विभागीय मंत्री जी ही बदल गए। फिर मुख्यमंत्री जी ने इसकी कमान सम्हाली और एक नए मंत्री जी ने भी कई बार घोषणाएं कर गड्ढा मुक्त सड़कें होने की 15 नवम्बर 2022 अंतिम तिथि बताई। लक्ष्य से कोसों दूर सिर्फ और सिर्फ झूठी बयानबाजी से ही भाजपा सरकार काम चलाने का जौहर दिखा रही है।

भ्रष्टाचार और लूट मची

भाजपा सरकार में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार और लूट मची है। पुल और सड़कों के निर्माण में मानकों को ताक पर रखकर काम करने का नतीजा है कि सड़कें बनते ही टूटने लगती है। पिछले दिनों पीडब्लूडी मंत्री जी के खुरचते ही कानपुर में 34 करोड़ की लागत से बनी सड़क की लेबल उखड़ गई और मिट्टी निकल आई। ऐसी घटनाएं और भी सामने आई है। वर्ष 2017 में सोनभद्र में 22 सड़कें गड्ढा मुक्त करने के नाम पर 2.25 करोड़ रूपए हड़प लिए गए।

राजधानी की सड़कों के गडढे भी भाजपा राज का नायाब तोहफा

राजधानी क्षेत्र की सड़कों के गड्ढे भी भाजपा राज का नायाब तोहफा है। और तो और लखनऊ में राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के पास ही विक्रमादित्य मार्ग की दशा इतनी खराब है कि वहां कभी न कभी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते है। इस सड़क पर लोरेटों स्कूल भी है, और उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों के आवास भी हैं।

हर स्तर पर निर्माणकार्यों में घोटाला

भाजपा राज में जहां हर स्तर पर निर्माणकार्यों में घोटाला हुआ है, वहीं समाजवादी पार्टी की सरकार में बने पुल और एक्सप्रेस-वे अपनी गुणवत्ता की वजह से आज भी उदाहरण बने हुए हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण सिर्फ 21 महीने में मानकों के अनुसार हुआ जिस वजह से उस पर वायुसेना के युद्धक और माल वाहक विमान उतारे जा सके।

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