img

लखनऊ ( डॉ मोहम्मद कामरान ) । मुख्तार अंसारी की ‘सल्तनत’ पर LDA का बुलडोजर चलता है और बड़ी से बड़ी इमारतें ध्वस्त की जा सकती है लेकिन प्राधिकरण में कार्यरत ज़फर और ज़ुबैर की जोड़ी फ़िल्म शोले के जय और वीरू की जोड़ी है जिससे न सिर्फ गब्बर सिंह डरता है बल्कि ठाकुर के भी हाथ बंधे दिखाई देते है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की अनेक बेशकीमती ज़मीनों को अपने रिश्तेदारों के नाम करके बड़े बड़े व्यवसायियों को बेचने का गोरखधंधा इस जोड़ी द्वारा किया जा रहा है उससे पूरा प्राधिकरण वाकिफ़ है लेकिन कार्यवाही के नाम पर बड़े अधिकारी चुप्पी साधे है। शिकायती पत्रों पर संज्ञान न लेकर ज़फर और ज़ुबैर के हाथों उन शिकायती पत्रों को दफन कर दिया जाता है।

सीएम योगी ने ‘जीरो टाॅलरेंस‘ के तहत जिस अभियान की शुरुआत की थी, वह निरन्तर जारी तो है लेकिन सफेदपोश भू-माफिया उससे बचते नज़र आ रहे है। ‘जीरो टाॅलरेंस‘ के इसी अभियान के तहत करोड़ों की ‘निष्क्रांत सम्पत्ति’ पर अवैध कब्जा करने वाले दुर्दान्त माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण जमींदोज किये गये हैं। परंतु ऐसे अनेक अवैध कब्जे कराने वाले ज़फर और ज़ुबैर पर कोई कार्यवाही न किये जाने से ये साबित होता है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में मुख़्तार से ज़्यादा मुख़्तार है ये दोनों।

लखनऊ विकास प्राधिकरण में कार्यरत श्री जफर अहमद को महीने में तनखाह हजारों में मिलती है लेकिन उनकी हैसियत करोड़ों में हो गई है, ऐसे लोगों पर कार्यवाही न करके चंद अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री जी की जीरो टॉलरेंस नीति को कामयाब नही होने देना चाहते हैं और भाजपा सरकार को साजिशन बदनाम कर रहे है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के कोटे से अलीगंज में अपने नाम से आलीशान मकान बनाने के बाद श्री जफर अहमद द्वारा बीवी बच्चों एवं निकट परिजनों के नाम पर प्राधिकरण की अनेक संपत्तियों का नियम विरुद्ध आवंटन कर दिया। अपनी बीवी, बेटी और बेटे के नाम और पते बदल बदल कर अनेक संपत्तियों/भवन/भूखंडों का प्राधिकरण की योजनाओं में आवंटन किया जाना न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि गंभीर जांच का विषय है।

श्री जफर अहमद के साथ ही प्राधिकरण में कार्यरत उनके भाई श्री ज़ुबैर अहमद की दास्तां कुछ कम नहीं है श्री ज़ुबैर अहमद द्वारा भी अपनी पत्नी शिरीन के नाम से संपत्ति आवंटन किया जाना और फिर नाम बदल कर निगहत के नाम से प्राधिकरण की संपत्तियों का आवंटन किया जाना गैर कानूनी है। ज़फर अहमद एवं जुबैर अहमद द्वारा गैर कानूनी रूप से लखनऊ विकास प्राधिकरण की लगभग 50 करोड़ की संपत्ति अपने परिवार के नाम पर दर्ज की गई है जिसको प्राधिकरण की वेबसाइट से सत्यापित किया जा सकता है।

ज़फर और ज़ुबैर के काले कारनामो की जानकारी देते हुए उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिनांक 17.09.21 को पंजीकृत पत्र के माध्यम से कार्यवाही करने के लिए प्रेषित किया गया था परंतु पत्र पर कोई भी कार्यवाही न किया जाना प्राधिकरण की दोहरी नीति को दर्शाता है। सुना था डर के आगे जीत है, और प्राधिकरण द्वारा कोई कार्यवाही न किया जाना इस बात का प्रमाण है कि ज़फर और ज़ुबैर की जोड़ी के आगे प्राधिकरण के अधिकारी आज भी डरते है।