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लखनऊ। हर बच्चा श्रम में संलिप्त न होकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। नया सवेरा योजना के तहत 20 जिलों के 275 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया। यूपी सरकार का संकल्प है कि किसी भी गरीब का बच्चा बाल श्रमिक के रूप में न दिखायी दे। किसी भी गरीब का बच्चा बाल श्रमिक के रूप में न दिखायी दे। श्रम मंत्री अनिल राजभर ने श्रम निषेध दिवस पर यह बात कही।

क्या इन गांवों में पुन: नहीं शुरू होगा बाल श्रम? 

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों से नया सवेरा योजना कार्यक्रम श्रम विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। पूर्व में भी नया सवेरा योजना के तहत 365 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है। इस कार्य में जनपद स्तर पर ग्राम प्रधानों, पार्षदों व विभिन्न विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों का सहयोग आवश्यक है। जिन ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डाें को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा रहा है, उनमें पुनः कोई भी बच्चा बाल श्रम में संलिप्त न हो।

18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय चलाया जाएगा

बाल श्रमिकों व अनाथ बच्चों के लिए 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय चलाया जाएगा।
यूनिसेफ इंडिया कंट्री ऑफिस की डेप्युटी रेप्रेजेंटेटिव, सुश्री लाना कटाउ ने कहा की यूनिसेफ प्रत्येक बच्चे के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रत्येक बच्चे को जीवन में शिक्षा का अधिकार है।
हर बच्चे को समान अवसर मिलने चाहिए।
कोविड महामारी के कारण बड़ी संख्या में बच्चे बालश्रम करने को मजबूर हुए हैं।