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मो०ताहिर अहमद वारसी की रपट

लखनऊ:- सूबे के जिम्मेदार भले ही उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हो। परंतु सच कुछ और है। कुछ दिन पूर्व लखनऊ के मड़ियाव थाना अंतर्गत ₹40 की घूस के नाम की वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद शाम होने तक एक दरोगा व एक सिपाही सस्पेंड और इस्पेक्टर लाइन हाजिर कर दिए गए। जब की वसूली के समय न दरोगा मौके पर था और ना इस्पेक्टर। नियमावली की बात करें तो वह सिपाही दरोगा व इस्पेक्टर के मातहत था। इसी कारण गाज तीनों पर गिरी। परंतु सितंबर माह से अब तक राजधानी लखनऊ में लगातार दर्जनभर हत्या एवं गोली कांड होने के बाद भी जिम्मेदारों पर ना जाने क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई ।इसी कारण प्रदेश में तड़ा तड़ एनकाउंटर के बाद भी राजधानी में अपराधियों के हौसले बुलंद दिखाई दिए ।इसी क्रम में शुक्रवार दिनदहाड़े अपराधियों ने हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं संस्थापक कमलेश तिवारी के घर में घुसकर अपराधियों ने गोली और चाकू से हत्या कर दी। घटना के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए। सोचनीय यह है कि जब उत्तर प्रदेश की राजधानी में कानून व्यवस्था का यह हाल है। तो सूबे के ग्रामीण व अन्य शहरी क्षेत्रों के कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा। चश्मदीद की मानें तो अपराधी कमलेश तिवारी के परिचित थे। और घर पर मिठाई के डिब्बे के साथ मुलाकात करने आए थे ।घटना के बाद आनन-फानन में कमलेश तिवारी को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से राजधानी का वातावरण दूषित होता रहा ।अमीनाबाद स्थित दुकानों को बंद कराया गया। शासन ,प्रशासन के विरोध में नारेबाजी भी की गई। पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस की मौजूदगी में सरकारी बस के शीशे तोड़े गए तथा रोड जाम कर प्रदर्शन किया गया ।हत्या की घटना के बाद घटनास्थल पर पुलिस अधिकारियों का ताता लगा रहा परंतु समर्थक शासन-प्रशासन से संतुष्ट दिखाई दिए। उत्तर प्रदेश पुलिस मुखिया ने भी प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से घटना पर दुख जताया और कहा हमारा प्रयास है कि अपराधियों को 48 घंटे के अंदर उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। रात होते ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा कमलेश तिवारी के आवास पर पहुंचे परंतु समर्थकों के आक्रोश के कारण उन्हें घर के बाहर से ही वापस आना पड़ा। घटना को लेकर सभी दुखी हैं। परंतु घटना क्यों हुई इस पर मंथन करने को कोई तैयार नहीं। आखिर डेढ़ माह से लगातार राजधानी में बंदूके गरजती रही ।कार्यवाई के नाम पर मात्र ट्रांसफर के नाम पर लीपापोती होती रही। कभी किसी जिम्मेदार पर आखिरकार गाज क्यों नहीं गिरी। शासन-प्रशासन अपने मुंह मियां मिट्ठू बन कानून व्यवस्था पर सफाई देता रहा। जिसका अंजाम हिंदू समाज पार्टी के संस्थापक एवं अध्यक्ष की दिनदहाड़े उन्हीं के आवास पर बेखौफ बदमाशों ने गोली व चाकू से हत्या कर मौके से फरार हो गए। जबकि शुक्रवार को ही भाजपा के ही मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर ने एक लाइव वीडियो में लखनऊ पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे ।जिसमें सांसद ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत पर मात्र लीपापोती का भी आरोप लगाया था ।सूत्रों की मानें तो कमलेश तिवारी की हत्या के बाद राजधानी में तनाव का वातावरण बनाया गया है। इसको कुछ अराजक तत्वों द्वारा निरंतर हवा दी जा रही है।

(श्री हेमंत कृष्ण की फेस बुक वॉल से )