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सादर प्रणाम

मैंने एक शिकायत एबीपी गंगा में पंकज कुमार, अनुभव शुक्ला और महोबा के रिपोर्टर ब्रजेन्द्र राजपूत के खिलाफ एबीपी के उच्च अधिकारियो को उपरोक्त व्यक्तियो के कारगुजारियों की एक शिकायत मेल की थी जिसका फर्जी मुकदमा अनुभव शुक्ल के माध्मय से स्थानोय रिपोर्टर बृजेन्द्र राजपूत द्वारा महोबा कोतवाली में पंजीकृत कराया गया 66 D IT ACT में कराया गया मैं अपने बयान दर्ज कराने कराने वहां गया था मेरी कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई इन लोगो ने शासन द्वारा दबाव बनाकर अपने भृष्टाचार को छुपाने हेतु मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया लेकिन लेकिन पुलिस की निष्पक्ष कार्यशैली के चलते मैंने ससम्मान वापसी कर ली और मैंने न्यूज़ नेशन को इस्तीफ़ा देकर ससम्मान छोड़ा था मुझे निकाला नहीं गया था और वर्तमान में मैं जन टीवी में सवांददाता लखनऊ के पद पर कार्यरत हु मैं पत्रकारिता का डिग्री धारक, विधि स्नातक विज्ञान स्नातक हु और आपने मुझे ही टीवी स्क्रीन पर फर्जी पत्रकार दिखाकर दो दिनों तक चलाया।

क्या शिकायत करना भी अपराध है तो में जेल जाना पसंद करुगा अभिव्यक्ति का अधिकार तो सबको है

क्या इतना बड़ा संस्थान भी फर्जी खबर चला सकता है ये आश्चर्य की बात है क्या किसी को शिकायत करने का भी अधिकार नहीं जिस तरह मेरी छवि धूमिल की गयी फेसबुक से मेरी फोटो निकालकर हेडलाइंस में ऐसे चलाया गया अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए किस तरह लखनऊ से अनुभव शुक्ल द्वारा फोनो लिए गए जैसे नवजीत सिंह कोई आतंकवादी हो खैर मेरा निवेदन है की पूरे मामले की जांच अगर कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायगा एबीपी के इस शर्मानक कृत्य के लिए मुझे न्यायलय जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

शिकायत की कॉपी आपको भेज रहा हु जिसकी भड़ास एबीपी गंगा ने मेरी खबर चलाकर निकाली।

खनन के खेल के सरगना बने एबीपी के रंगकर्मी

एबीपी नेशनल और एबीपी गंगा के बीच जिस तरह ठनी हुई है उसका असर यूपी के स्ट्रिंगर्स के बीच भी दिखने लगा है अलग अलग चैनेलो से एबीपी गंगा में आये रंगकर्मियो ( यानी दलाली में सिद्धस्थ ) उच्च अधिकारियो ने ऐसा मकड़जाल बुन दिया है जिससे एबीपी न्यूज़ जैसे बैनर की साफ़ सुथरी छवि पर बट्टा लगता नजर आ रहा है।

पंकज झा ने जिस तरह एबीपी न्यूज़ को अपनी ईमानदारी और निष्ठा से जिस तरह सींचा था उनके यूपी से जाते ही बदहाल, बदबूदार और ब्लैकमेलर स्ट्रिंगरों को जोड़ दिया गया ये सिलसिला जौनपुर से शुरू होते होते पूरे यूपी में कोड में खाज की तरह फ़ैल गया और सबसे ऊपर उभरकर नाम सामने आया पंकज कुमार जो अपने मोबाइल नंबर 9953590834 पर रात 10 बजे के बाद व्हाट्सप्प काल पर उपडेट लेता और अगले दिन पुराने रिपोर्टर की धज्जिया उड़ाना शुरू कर देता पंकज कुमार अकेला ही इस कड़ी का हिस्सा नहीं अनुभव शुक्ल भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है जो अपने मोबाइल 9793022225 से रात में ही अपने यूपी के चहेते स्ट्रिंगरों को व्हाट्सप्प काल करते है और कहा से कितना मिल सकता है तय करते है खैर बात अगर बुंदेलखंड की की जाए तो नाम के लिए बुन्देलखण्ड में बहुत पैसा है लेकिन यहाँ का स्ट्रिंगर वर्चस्व की लड़ाई में नो प्रॉफिट नो लास पर भी काम करने को तैयार रहता है इसी क्रम में अनुभव शुक्ल का लाइव टुडे के समय का पेटेंट शिष्य बृजेन्द्र राजपूत को मध्यप्रदेश के छतरपुर से महोबा आया और बुंदेलखंड क्या पूरे यूपी के स्ट्रिंगर्स को रखवाने में डील करने लगा ये सब मुमकिन हुआ मैनेजमेंट के खेल से एबीपी के पुराने स्ट्रिंगर अभय निगम जो महोबा से अपनी सेवाएं दे रहे थे जिनकी कभी कोई शिकायत सुनने को न मिली उन्हें हटाकर अनुभव शुक्ला के माध्यम से पंकजकुमार का आशीर्वाद बृजेन्द्र राजपूत को प्राप्त हुआ और इस शुरुवात के साथ हमीरपुर में पहली बलि हुई पुराने रिपोर्टर विकास पुरवार की हुई और 1 लाख रूपए नया रिपोर्टर नियुक्त करने के लिए गए अरुण श्रीवास उर्फ़ अरुण श्रीवास्तव से माध्यम बने बृजेन्द्र राजपूत , अनुभव शुक्ल और पंकज कुमार पुराने रिपोर्टर को हटाने का कारन कोई भी नहीं था ,वर्तमान में अरुण एबीपी गंगा में हमीरपुर से रिपोर्टर है , झाँसी भी बृजेंद्र राजपूत ही देखते है हलाकि झाँसी बृजेन्द्र का कभी जाना नहीं होता बस मैनेजमेंट का खेल है तो सब मुमकिन है ।

अब महोबा में बृजेन्द्र का एक साथी है अब्दुल नादिर उसको जालौन के लिए एक लाख रूपए में तैयार किया गया है नादिर एक अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है नादिर का कहना है उसका सौदा जालौन के लिए एक लाख रूपए में डन हो गया है सूत्रों के अनुसार 26 को नादिर और बृजेन्द्र एबीपी के आफिस गए थे और जालौन की बात कन्फर्म कर ये लोग लौट आये । उसके बाद स्टेप बाई स्टेप बुंदेलखंड के बाकी जिलों ललितपुर, बाँदा और चित्रकूट को निपटाया जायगा

बुंदेलखंड में खनन की चाशनी में गोते लगाते एबीपी गंगा के रंगकर्मी

देश का भरोसेमंद न्यूज़ चैनल ABP ने अपना रीजनल चैनल उत्तर प्रदेश में गंगा जब से लॉन्च हुआ है तभी से इसमे ऐसे लोगो को माइक आईडी थमी दी गई जो खुलकर दलाली करते नजर आ रहे है। ऐसा ही एक जनपद है बुंदेलखंड का महोबा जनपद।

इस जिले में ABP के लिए अभय निगम अपनी सेवाएं दें रहे थे जिनकी आज तक कोई शिकायत सुनने को नही मिली मगर जैसे ही इन्हें हटाकर एक बृजेन्द्र राजपूत व्यक्ति को माइक आईडी पकड़ाई गई तभी से ABP को लेकर जनपद ही नही बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कानाफूसी चल रही है। जानकर बताते है कि यह बृजेन्द्र राजपूत मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद में किसी लोकल चैनल में काम करते थे लेकिन उसे खनन में पैसा कमाने की चाह महोबा खींच लाई और उसने ABP में राजनीतिक जुगाड़ साथ ही डेढ़ लाख की चढोती संस्थान के चर्चित चहेरे को चढ़ाकर माइक आईडी पकड़ ली, अब तो हद यह है कि महोबा के साथ साथ यह बृजेन्द्र राजपूत खुद को झांसी जनपद सहित खुद को बुंदेलखंड के प्रभारी बताते लगे और सोसल मीडिया में भी इसका खूब प्रचार प्रसार कर रहा है। बुन्देलखण्ड में खनन की कमाई का हिस्सा अपने उस आका को भी पहुंचाने का दावा करता है। खुलेआम ABP में कहीं भी किधर भी बदलाव करने तक की बात इसके द्वारा सार्वजनिक की जाती है।

शायद आप इस बात का यकीन न करें तो रात 9 के बाद फोन लगाकर बात कर सकते है जब ये महाशय शराब के फूल नशे में होते है फिर इनसे आप ABP को खुलकर बेंचने और खरीदने की बात भी कर सकते है। महोबा आये इस व्यक्ति के पास खुद की साइकिल नही हुआ करती थी मगर महाशय ने ABP झटकने के बाद ऐसी दलाली थाना कोतवाली की कि अब ये महाशय ABP का लोगो लगाकर कार का मजा लें रहे है। हद यहीं तक नही है नगर पालिका महोबा के एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पालिका से यह बृजेन्द्र राजपूत ने ABP के लिए 50 हजार रुपये तक की मांग कर चुके है। ये तो शिकायतों की बानगी है यदि यहीं हाल रहा तो बुन्देलखण्ड में ABP को ये सख्श दलाली का तमगा जरूर लगवा देगा। आपको ये भी बता दें कि इस भरोसेमंद चैनल में ऐसे ऐसे खेल बुन्देखण्ड में ये व्यक्ति चला रहा है जिससे लोग इसकी विश्वनीयता पर उंगली उठा सकते है। बुंदेलखंड के हमीरपुर जनपद में ABP के लिए काम कर रहे रिपोर्टर को इसी व्यक्ति ने हटवाकर अरुण श्रीवास्तव से सौदा कराकर जोड़ दिया गया, आपको बताते है कि इसमें बृजेन्द्र राजपूत द्वारा एक लाख का खर्च अरुण श्रीवास्तव का कराया गया।

अब बारी है जालौन जनपद की जहाँ एक अपराधी प्रवृति के व्यक्ति अब्दुल नादिर जो अब खुद को नादिर खान बताता है इसे अपने साथ लेकर ब्रजेन्द्र राजपूत ABP के आफिस पहुंचा है और उम्मीद जताई जा रही है कि अब जालौन की बोली 1 लाख में सिमटा कर काम कराकर ये बन्दें लौटेंगे। इसके बाद बुन्देखण्ड के अन्य जनपदों बाँदा,चित्रकूट,ललितपुर के भी बिकने के नंबर लगाए जाएंगे। ऐसे में ABP की बदनामी और खनन की चाह भी खुलकर सामने आ रही है। अब्दुल नादिर उर्फ नादिर खान को जालौन के लिए तैयार किया गया है ये व्यक्ति अपनी ही भाभी की दहेज हत्या तक मे आरोपित हो चुका है जिसका मामला पैसे ले देकर खत्म कराया गया था उसके बाद ये व्यक्ति महोबा आकर अपनी ससुराल में रहने लगा और यहां भी उसने ऐसे गुल खिलाये की इसके खिलाफ महिलाओं ने कोतवाली ने लिखित शिकायत तक की अब ये फिर जालौन जाकर ABP का ख्याब देख रहा है जिसे हकीकत करने के लिये श्री राजपूत ने 1 लाख में ठेका तक ले लिया और ABP के आफिस भी पहुंच गया,इस सारे खेल के पीछे ABP गंगा के ऐसे चेहरे का कारनामा है जिसको खुद राजपूत जी जानते है और वह वह अपने को ABP का हेड बताते है, फिलहाल आपको यह जानकर दिलचस्प लगेगा कि इस गोरखधंधे के जानकारी अभी संपादक व मैनेजमेंट को नही है और सारा खेल उनके अधीनस्थ इंचार्ज का है।

उपरोक्त शिकायते थी मेरी जिसमे मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखाकर फर्जी खबर प्रसारित की गयी।

नवजीत सिंह
9161336688