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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग आज (शुक्रवार) भारत पहुंच रहे हैं, जिसके लिए यहां भव्‍य तैयारियां की गई हैं। दुनिया के दो दिग्‍गज नेताओं की इस ‘महामुलाकात’ के लिए महाबलिपुरम (मामल्लापुर) पूरी तरह तैयार है। दोनों नेताओं के स्‍वागत के लिए जहां भव्‍य तोरणद्वार बनाए गए हैं, वहीं सुरक्षा भी चाक चौबंद है।

चीन के राष्‍ट्रपति दोपहर करीब 2 बजे चेन्‍नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और फिर वहां से महाबलिपुरम के लिए रवाना होंगे। वह मामल्लापुर में तीन स्मारकों अर्जुन की तप स्थली, पंंच रथ और शोर मंदिर भी जाएंगे। पीएम मोदी और शी के स्‍वागत के लिए ‘पंच रथ’ के पास सब्जियों और फलों के भव्‍य तोरण द्वार बनाए गए हैं। इसके लिए राज्‍यभर से 18 तरह की सब्जियां और फल मंगाए गए हैं। फलों और सब्जियों से बने इस तोरण द्वार की भव्‍यता देखते ही बनती है।

मामल्लापुरम के प्राचीन स्मारकों को भी सजाया-संवारा गया है तो चेन्‍नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी को खूब सजाया गया है। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिस होटल में रुकेंगे, उसके सामने भी केले के पेड़ों और गन्नों से पारंपरिण तोरण द्वार बनाए गए हैं। भारत के इस तटीय शहर का चीन के फुजियांग प्रांत से मजबूत ऐतिहासिक संबंध रहा है। सातवीं शताब्दी में महान चीनी दार्शनिक ह्वेनसांग का यहां आगमन हुआ था और उन्‍होंने बाद में इसकी भव्यता का वर्णन किया था। भारत के इस शहर के साथ चीन का व्यापारिक और सांस्कृतिक जुड़ाव रहा है। इसे पल्‍लव राजाओं ने बसाया था, जिस दौरान इसका भी ख्‍याल रखा गया था कि पूर्वी देशों के साथ समुद्री व्‍यापार को किस तरह बढ़ावा दिया जा सकता है।

चीन के राष्‍ट्रपति के भारत दौरे और पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत के मद्देनजर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। न केवल चेन्‍नई और महाबलिपुरम में सुरक्षा की चाक चौबंद व्‍यवस्‍था है, बल्कि तटवर्ती शहर होने के नाते समुद्र में भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक के युद्धपोत मामल्लापुरम के तट से कुछ दूरी पर समुद्र में तैनात हैं, ताकि किसी भी समुद्री खतरे से समय रहते निपटा जा सके। शहर में भी जगह-जगह पुल‍िसकर्मियों व सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और लोगों की तलाशी भी ली जा रही है। पूरा शहर अभेद्य किले में तब्दील नजर आ रहा है।

पीएम मोदी और शी की यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जबकि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। चीन ने भी यह कहकर उस समय भारत के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी, जब पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीजिंग दौरे के बाद बुधवार को एक बार फिर कहा कि वह कश्मीर के हालात पर ‘करीब से नजर’ बनाए हुए है। हालांकि भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कश्‍मीर को अपना आंतरिक मामला बताया।

माना जा रहा है कि पीएम मोदी और शी की अनौपचारिक बातचीत में मुख्‍य रूप से भारत-चीन के बीच लगभग 3500 किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति बनाए रखने पर जोर रहेगा। इसके अतिरिक्‍त राजनीतिक संबंधों, व्‍यापार पर भी चर्चा होने की संभावना है। दोनों नेताओं के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता चीन के शहर वुहान में 2018 में हुई थी। यह बातचीत 2017 के डोकलाम विवाद के बाद हुई थी, जब जून से अगस्‍त के बीच दोनों देशों की सेना 73 दिनों तक आमने-सामने थी।