नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, गुरुवार को भी दिल्लीवासियों को जहरीली हवा से ही दो-चार होना पड़ा, चारों और केवल धुंध हावी है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो वहीं यमुना नदी में झागनुमा जहरीली सफेद रंग की लेयर दोबारा नजर आने लगी है। हालांकि हवाओं की गति बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कमी आई है लेकिन अभी भी स्थिति गंभीर ही बनी हुई है, भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अगले 3-4 दिन में प्रदूषण में और कमी आएगी।
Delhi: Toxic foamy layers on the surface of River Yamuna in Kalindi Kunj area. pic.twitter.com/a1oiZ5lLV8
— ANI (@ANI) November 7, 2019
सरकारी एजेंसी ‘सफर’
वायु गुणवत्ता की निगरानी एवं पूर्वानुमान लगाने वाली सरकारी एजेंसी ‘सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार रात 8 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है हालांकि कई इलाकों में प्रदूषण स्तर ‘औसत’ श्रेणी में रहा।
Delhi: India Gate at 245 (Poor) and RK Puram at 198(Moderate) on Air Quality Index pic.twitter.com/2XlqgGuyoC
— ANI (@ANI) November 7, 2019
दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना
हालांकि 7 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना है। हवा की स्पीड भी बढ़ेगी, इससे प्रदूषण कम होगा। बता दें कि इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से बहुत ज्यादा बढ़े वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को लताड़ा था और कहा था कि हम संरक्षण की अवधारणा को भूल गए हैं, हमें पर्यावरण को लेकर कोई फिक्र नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई थी लताड़
राजधानी में वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने फिक्र जाहिर करते हुए कहा था कि ये जो हो रहा वो सभ्य देशों में नहीं होना चाहिए। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति भयावह है। ये हर साल हो रहा है और सच्चाई ये है कि हम इसके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस पर सरकारों को ध्यान देना चाहिए।
प्रदूषण के रोकथाम के कदम उठाएं सरकार
अदालत ने कहा, हमारी नाक के नीचे हर साल वही बातें होने लगती हैं। लोगों को दिल्ली नहीं आने, या दिल्ली छोड़ने की सलाह दी जा रही है। हम हर चीज का मजाक बना रहे हैं इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सख्त होते हुए कहा था कि केंद्र को करना चाहिए या राज्य को करना चाहिए, इस पर नहीं जाना चाहिए, स्थिति गंभीर है, केंद्र और दिल्ली सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय प्रदूषण के रोकथाम के कदम उठाएं तो ही बेहतर होगा।