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एक यात्रा का अन्त। एक फुलस्टाॅप। एक नवयुवक के रूप में ओरियंट के ऑक्सफ़ोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सन् 1982 में अंग्रेजी साहित्य से पोस्टग्रेजुएशन पूरा कर एक सिविल-सर्वेंट के रूप में कैरियर की तलाश पत्रकारिता की ओर मुडी़ तो लगभग 6 वर्ष माया पत्रिका और इलाहाबाद पत्रिका के समाचार पत्र अमृत प्रभात से कलम की ताकत और जौहर देखते-देखते लाल-सलाम प्रेरित अखबार बंदी में फिर कैरियर विहीन हुए।

काम के बिना ठनठनपाल थे सो जून 91 में अखबार के वरिष्ठ सहयोगी आदरणीय रामदत्त त्रिपाठी जी के सिथ असम के गुवाहाटी गये पूर्वांचल प्रहरी में पर 20-25 दिनों में ही मन उचटा तो चले आये लखनऊ। पब्लिक सर्विस कमीशन से राजकीय इंटर कालेज हिल कैडर में पोस्टिंग हो गयी और प्राइवेट से राजकीय सेवा में आ गये। लगभग 3 साल पढा़या फिर पब्लिक सर्विस कमीशन से सूचना अधिकारी के पद पर चयनित हो गये और अगस्त 1994 से प्यारे लखनऊ की तहजीब और आबो हवा में रहने का जन्नत तुल्य अवसर मिला।

राजकीय आवास, मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्यपाल, मुख्यसचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, शिक्षा मंत्री, प्रकाशन प्रभाग, प्रेस प्रभाग, जन सूचना, पब्लिक रिलेशन एजेंसी की नियुक्ति, नियत कालिक विभागीय पत्रिकाओं का संपादन, यूपी दिवस के आयोजन जैसे अन्य अनेक चुनौतीपूर्ण कार्य का सौभाग्य मिला और हनुमान जी की कृपा व सबके सहयोग से वे सब संतोषजनक ढंग से पूरे हुए।

तमाम तरह के लोगों से मिलने, उनसे सरकारी कार्य लेने का खासा अनुभव हुआ। मीडिया जगत से अत्यंत घनिष्ठ सहयोग मिला। अनुभवी वरिष्ठ अधिकारियों का स्नेह मिला, उनसे आदरयुक्त सम्मान मिला। 31 अक्टूबर 2019 को अधिवर्षता हो गयी अतः कानूनन मेरा कैरियर सरकारी तौर पर कल बृहस्पतिवार को हमारे निदेशक सूचना आदरणीय शिशिर आईएएस ने देर शाम अपने आफिस में मुझसे फाइनल हैंण्डशेक किया। धन्यवाद उत्तर प्रदेश सरकार, सूचना विभाग और शिशिर सर।

Post Source : Dinesh Kumar Garg Facebook