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मैं खुद के लिए खुश हूं लेकिन जिस पेशे से हूँ उसके आज के हालातों के लिए उदास हूँ, हाँ मैं पेशे से पत्रकार हूँ, खुद्दार हूँ लेकिन दो वक्त की रोटी का दावेदार हूँ, पता नही क्यों आजकल पत्रकारिता और पत्रकारों पर ज़्यादा चर्चा दिखयी दे रही है, ऐसा नही है कि ये ज़्यादा बड़ा दर्द है बल्कि ये श्याद ज़्यादा तालियां खींचती है, मीडिया को गाली देना एक शग़ल बन गया है और पत्रकार साथियों को अपनी ही बिरादरी पर मूंह उठा कर थूकने में ज़्यादा मज़ा आता है, फिर चाहे थूक की चंद बूंदे अपने मुंह पर ही क्यों न गिरे, और ये पत्रकारों की खींच तान बस पत्रकार ही करते हैं, हालांकि पत्रकार जो सबके बारे में सही बात जनता तक पहुँचाने का काम करते है उनके बारे में सही बात जनता तक कम ही पहुंचती है। मीडिया, पत्रकारिता से जुड़े हमारे अपने प्रदेश के पत्रकारों के मान सम्मान के लिए परिणाममूलक, तथ्यपरक पत्रकार परिचय —

जान है तो जहान हैं , आज कोरोना के डर के चलते हर इंसान एक दुसरे को यही सलाह देते नज़र आ रहा है, घर में रहों, बाहर न निकलों, लेकिन जिसका नाम आकाश है और स्वभाव ज़मीनी हकीकत से सबको रुबरुं कराना हों वो कोरोना से आयी आपदा के वक़्त घर के अंदर कैसे टिक सकता है, वो तो अपने कर्तव्य से बंधा है, ऐसा माहौल है फिर भी घर के बाहर रहकर ख़बरों को देश के जनमानस तक पहुँचाना ही आकाश का दायित्व है, अपने पत्रकारिता के जूनून और कर्तव्यों को कैसे एक कमरें में बंद कर दे,आने वाली पीढ़ी को क्या जवाब देगा, जब कल उसकी लाड़ली बेटी सवाल करेगी तो कोई जवाब नहीं होगा। पत्रकार होने के बाद भी घर से बाहर इस डर से न निकले की कहीं कुछ हो न जाये, यही बात अगर देश के बॉर्डर पर तैनात सिपाही सोच ले तो फ़ौज में कोई भर्ती ही न हों, पत्रकारिता के दायित्व में अगर आज हम फेल हो गए तो क्या जवाब देंगे, जब हमारी आने वाली नस्लें हमसे प्रथम युद्ध में लगे पोस्टर की तरह ये सवाल करेंगी : डैडी, आपने इस महायुद्ध में क्या किया? आज हमारे लिए ऐसा ही मौका है जब देश के प्रधानमंत्री ने देश के नाम सन्देश में दो बार मीडिया का ज़िक्र किया है तो पत्रकारिता का भी अपना दायित्व है, और इस वक़्त समस्त मीडिया जगत की सबसे बड़ी खबर चल रही है, हमारे देश की जनता डरी हुई है, लाखो लोगों के सामने खाने की दिक्कत है, बेज़ुबान जानवरों के सामने अपने जीने की दिक्कत है, ऐसे में इन सब पर नज़र रखते हुए खबर, संपादन के साथ साथ शासन की लापरवाही और उनकी कमियों को भी सामने लाकर दूर करने की ज़िम्मेदारी आकाश शेखर शर्मा जैसे पत्रकारों के दम से ही संभव है..

और यदि पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत रहने के बावजूद हम ऐसा नहीं कर सके तो खुद को पत्रकार कहना ही बंद कर दें। हो सकता है कि हममें से कुछ लोग इसमें नाकाम रहें, लेकिन हर कोई असफल नहीं होगा। हममें से ही कुछ लोग आकाश पर एक शिखर के तरह चमकते हुए सामने आएंगे। और हमारे इस प्रिय साथी आकाश के नाम के साथ जब इनके माता पिता ने शेखर भी जोड़ दिया था तो व्यक्तित्व में भगवान शिव का स्वभाव आना लाज़मी हैं और शेखर नाम के लोग भाग्य या मदद के भरोसे नहीं बल्कि अपनी मेहनत प्रयासों के दम पर सफलता हासिल करते है और ये बात अपनी मेहनत, मिलनसारिता, व्यहवहार कुशलता से बड़ी ही कम उम्र में उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के महत्वपूर्ण ओहदे पर निर्वाचित होकर आकाश ने प्रमाणित भी कर दी है.  उपाध्यक्ष जैसे पद की गरिमा का अपने मिलनसार व्यक्तित्व से मान सम्मान भी बढ़ाया है –

– किसी भी पत्रकार साथी की मुसीबत के वक़्त आकाश शेखर शर्मा हर संभव मदद के लिए मौजूद होते है वहीँ ख़बरों में भी निरंतर सबसे आगे बने रहते है — एक तरफ अपने  व्हाट्सप्प ग्रुप (All r VP)  के ज़रिये पल पल की खबर पत्रकार साथियों को पहुंचाते रहते है वहीँ दूसरी तरफ मैदान में उतर कर ख़बरों को करीब से जान कर, उनकी सत्यता प्रमाणित कर अपने चैनल के माध्यम से लाखों देशवासियों तक पहुँचाने में सतत कार्यरत है, हमारा सलाम है, हमारे ऐसे जांबाज़ साथी को जो किसी प्रशंसा और तारीफ के लिए नहीं काम कर रहा है बल्कि अपनी जान जोखिम में डाल कर सिर्फ अपने कर्तव्यों के लिए कार्यरत है और देश की जनता को इस महामारी के डर से निकालने की कोशिश में किसी सैनिक की तरह मैदान में डटा है ,,

ऐसे जज़्बे, ऐसे पत्रकार को हमारा सलाम ।।।

आकाश शेखर शर्मा, पत्रकारिता का सच्चा सिपाही ।।

 (डॉ मोहम्मद कामरान)

जारी रहेगा परिचय और मान सम्मान