ट्रेन से लखनऊ आए थे कमलेश के हत्यारे
- 166 Views
- Mediavarta Desk
- October 19, 2019
- News

नाका के खुर्शेदबाग में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले बदमाश ट्रेन से लखनऊ आए थे। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि हत्यारों की पहचान हो गई है। दोनों हत्यारे चारबाग रेलवे स्टेशन से ही कमलेश के घर का पता पूछते हुए गणेशगंज पहुंचे और वारदात अंजाम देकर भाग निकले।
पुलिस की एक टीम हत्यारों के पीछे लगी है। उनकी आखिरी लोकेशन हरदोई से मुरादाबाद होते हुए गाजियाबाद में मिली है। एसएसपी ने बताया कि हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं। इसमें एएसपी क्राइम के नेतृत्व में एक टीम गुजरात भेजी गई है जबकि सीओ हजरतगंज और सीओ गाजीपुर के नेतृत्व में दो टीमें भी गैर जनपद में हैं। शेष सात टीमें शहर में ही काम कर रही हैं।
एसएसपी ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या का गुजरात कनेक्शन पता चलते ही पुलिस की टीमों को सक्रिय कर दिया गया था। गुजरात के विभिन्न हवाई अड्डों से दिल्ली और लखनऊ आने वाली फ्लाइट के यात्रियों के बारे में जानकारी ली गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। कमलेश की हत्या से पहले गुजरात से लखनऊ पहुंची ट्रेनों के यात्रियों बारे में भी पड़ताल शुरू की गई।
पुलिस की एक टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे 25 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई, जिसमें हत्यारों के चेहरे साफ नजर आ गए। चेहरों से उनकी पहचान कर ली गई है। हत्यारे गणेशगंज होते हुए भागे। उनके रूट का पता लगाकर एक टीम रवाना की गई है।
शुक्रवार देर रात दोनों की लोकेशन हरदोई में मिली थी। दोनों के मोबाइल बीच-बीच में बंद हो रहे थे या फिर संभवत: उनका नेटवर्क गायब हो रहा था इसलिए पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही थी। हरदोई के बाद उनकी लोकेशन बरेली, मुरादाबाद और शनिवार सुबह गाजियाबाद में मिली है। एसएसपी का कहना है कि पुलिस की टीमें जल्द दोनों को गिरफ्तार कर लेंगी। उनसे पूछताछ के बाद कई और तथ्य सामने आएंगे।
गूगल से ली कमलेश तिवारी के पते-नंबर की जानकारी
कमलेश तिवारी के घर का पता, उनके मोबाइल नंबर और कामकाज की जानकारी गूगल पर मौजूद है। हत्यारों ने गूगल से ही उनके बारे में जानकारी लेकर संपर्क किया था। गूगल मैप से उन्होंने कमलेश तिवारी के लखनऊ स्थित ठिकाने की लोकेशन और वहां तक पहुंचने के रास्तों की जानकारी ली।
तीन मोबाइल नंबर खंगाले, राजस्थान के नंबर से मिला सुराग
एसएसपी ने बताया कि हत्यारों का सुराग लगाने के लिए तीन मोबाइल नंबर खंगाले थे। इसमें से एक नंबर हत्या से एक दिन पहले 17 अक्तूबर बृहस्पतिवार को ही एक्टीवेट हुआ था। उक्त नंबर राजस्थान से लिया गया था। हत्यारों ने बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े बारह बजे कमलेश को एक और नंबर से कॉल की थी। उक्त नंबर की पड़ताल करने पर वह कानपुर देहात के टैक्सी चालक का निकला।
पुलिस टीम उसके घर पहुंची तो पता चला कि वह ट्रेन में सफर करते हुए कानपुर देहात पहुंचा, जहां किसी यात्री ने इमरजेंसी कॉल करने के बहाने से उसका मोबाइल फोन लिया था। पुलिस ने उसे क्लीनचिट दे दी है। तीसरा मोबाइल नंबर भी किसी ऐसे ही व्यक्ति का निकला। पुलिस ने तीनों नंबर की गहराई से पड़ताल की, जिसमें 17 अक्तूबर को एक्टीवेट हुआ राजस्थान का नंबर पकड़ में आ गया।
फुटेज में दिख रही महिला को क्लीनचिट
हत्यारों के साथ सीसीटीवी फुटेज में दिख रही महिला की वारदात में कोई भूमिका नहीं पाई गई है। एसएसपी ने बताया कि महिला लखनऊ के मड़ियांव इलाके की रहने वाली है और गणेशगंज चौराहा पर कैंट उपचुनाव के लिए एक नेता के लिए प्रचार करने आई थी। पुलिस ने उसका पता लगाकर पूछताछ की, लेकिन उसकी संलिप्तता सामने नहीं आई।
महिला ने बताया कि वह गणेशगंज पहुंची, जहां प्रचार के लिए अन्य लोगों को आना था। वह चहलकदमी कर रही थी तभी भगवा रंग के कपड़े पहने हुए दो लोग आ गए। उसके साथ चलते हुए दोनों ने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी का पता पूछा। महिला का कहना है कि वह कमलेश तिवारी को नहीं जानती थी। इसलिए इनकार कर दिया।