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अब जब बड़ी संख्या में गुजरात और महाराष्ट्र से श्रमिक अजमेर आ रहे हैं, तब अजमेर जिले में सब कुछ अनलॉक हो गया है। रोडवेज के बसों से लेकर ई-रिक्शा तक चलने लगे हैं तथा चाट पकौड़ी से लेकर सोने चांदी तक की दुकानें खुल गई है। जो सामान्य हालात 20 मार्च से पहले थे वैसे ही आज हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अजमेर और राजस्थान से कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो गया है? अजमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी और जेएलएन अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करने वाले डॉक्टर अनिल सामरिया का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है। सब जानते हैं कि महाराष्ट्र और गुजरात हॉटस्पॉट प्रदेश है। यहां से आने वाले श्रमिक संक्रमित भी निकल रहे हैं।

अब जब आम लोग भी आसानी से इधर-उधर जा रहे हैं, तब खतरा और बढ़ गया है। डॉ. सोनी और डॉ. सामरिया ने कहा कि सरकार की राहत को मजबूती नहीं, मजबूरी ही माने। 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग व्यक्तियों को घर से नहीं निकलना चाहिए। युवाओं को भी जरूरी होने पर ही घर से निकलना चाहिए। डॉ. सोनी ने कहा कि बाहर निकलने पर मास्क जरूरी है। कोरोना वायरस मुंह और नाक से ही शरीर में प्रवेश करता है। यदि अब मुंह और नाक को ढक कर रखेंगे तो वायरस प्रवेश नहीं कर सकेगा। मुंह और नाक पर बार बार हाथ लगाना मनुष्य की प्रवृत्ति है। ऐसे में हाथों को भी बार बार धोना या सैनेटाइज्ड करना चाहिए। बाहर से घर पहुंचते ही हाथ और मुंह धोना जरूरी है। ऐसी बाते भले ही सामान्य लगे, लेकिन कोरोना वायरस से बचने का यही तरीका है।

अनजान व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आना चाहिए। सरकार ने भले ही बस, ट्रेन आदि वाहन चला दिए हों, लेकिन बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा की जाए। जिन लोगों को रोजगार के लिए बाहर निकलना जरूरी हो, वे कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरते। जो लोग तम्बाकू और पान मसाले का सेवन करते हैं उन्हें तो कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरतनी चाहिए। डॉ. सोनी ने यहां तक कहा कि तम्बाकू और पान मसाला चबाने वालों से दोस्ती ही खत्म कर लेनी चाहिए। ऐसे लोग इधर-उधर थूककर माहौल खराब करते हैं। तम्बाकू के पाउच पर कैंसर का फोटो छपा होता है, लेकिन फिर भी लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू का सेवन कैंसर रोग में सहायक होता है।

गर्म पानी पीएं:

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर अनिल सामरिया ने कहा कि कोरोना काल में सामान्य व्यक्ति को भी दिन में कई बार गर्म पानी पीना चाहिए। गर्म पानी शरीर की इम्युनिटी बढ़ता है। काली मिर्च का सेवन भी इन दिनों उपयोगी है। चूंकि कोरोना वायरस की दवा अभी तक नहीं बनी है, इसलिए बचाव ही जरूरी है। योग के माध्यम से हम शरीर को स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं। सुबह मुंह में कीटाणु होते हैं, ऐसे में गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने चाहिए। जिस कोरोना ने दुनिया भर में दहशत फैला रखी है। उसे बहुत आसानी से मात दी जा सकती है। गर्मी के दिनों में ठंडे पेयपदार्थ, आईसक्रीम, कुल्फी आदि खाने का मन करता है, लेकिन कोरोना काल में हमें मन पर नियंत्रण रखना जरूरी है। अजमेर के लिए यह संतोषजनक बात है कि 90 प्रतिशत संक्रमित व्यक्ति बिना लक्षण वाले हैं। ऐसे मरीजों का इलाज अब कायड़ स्थित आयुर्वेद अस्पताल में किया जा रहा है। जेएलएन अस्पताल में 100 मरीजों की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभी से मुश्किल 10-15 मरीज ही रहते हैं। ऐसे मरीज भी बुजुर्ग या फिर अन्य किसी बीमारी से ग्रसित है।

साइकिल चलाने से भी बढ़ती है इम्युनिटी:

साइकिल के क्षेत्र में दक्षता रखने वाले ललित नागरानी का कहना है कि साइकिल चलाने से भी शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के तौर मनाया जाता है। यह दिवस इस बार तब आया है, जब दुनिया भर में कोरोना की दहशत है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कोरोना को मात देने के लिए इम्युनिटी का बढ़ाना जरूरी है। ऐसे में साइकिल की उपयोगिता बढ़ जाती है। जो लोग मोटर वाहनों का उपयोग करते हैं उन्हें सप्ताह में कम से कम दो दिन साइकिल का उपयोग करना चाहिए। विश्व साइकिल दिवस पर लोगों को साइकिल चलाने का संकल्प लेना चाहिए। नागरानी ने बताया कि अजमेर में स्टेशन रोड बाटा तिराहे पर उनके प्रतिष्ठान एमपी नानकराम एंड कंपनी पर इन दिनों रियायती दरों पर साइकिलें उपलब्ध हैं। उनके संस्थान का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि लोगों कके स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। संस्थान पर साइकिल से होने वाले लाभ भी बताए जाते हैं। साइकिल के महत्व के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9352233808 पर ललित नागरानी से ली जा सकती है।