उत्तर प्रदेश में पोस्ट-ग्रेजुएशन (पीजी) मेडिकल कोर्स के छात्रों को 10 साल तक राज्य के अस्पतालों में सेवा देनी होगी। यदि कोई छात्र ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे एक करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने शनिवार को पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए 10 साल की सेवा अनिवार्य करने की घोषणा की।
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1 करोड़ रुपये का जुर्माना
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि, सरकार ने राज्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स कर रहे मेडिकल छात्रों के लिए विभाग में 10 साल की सेवा देने का आदेश दिया है। ऐसा करने में विफल रहने वालों को 1 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। बीच में कोर्स छोड़ने वाले को अगले तीन वर्षों के लिए पीजी डिग्री कोर्स से डिबार कर दिया जाएगा।
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Anyone leaving the course in between will be debarred from the PG degree course for the next three years: Amit Mohan Prasad, Principal Health Secretary https://t.co/Bd0tSSf6fD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 12, 2020
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अस्पतालों में सेवा प्रदान करना आवश्यक
स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के बाद, मेडिकल छात्रों को सरकार की तरफ से संचालित अस्पतालों में सेवा प्रदान करना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य के 75 जिलों में से कम से कम 45 में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज होगा।