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कई कपल्स के बीच अपने पार्टनर पर नजर रखना आम बात है। देखा गया है कि ऐसा करने में महिलाएं आगे रहती हैं। कई महिला पार्टनर ऐसी होती हैं जो बिना पूछे अपने पति या बॉयफ्रेंड का फोन चेक तो कर लेती हैं और फिर उन्हें बुरा भी महसूस होता है। मगर फिर भी वो अपनी इस आदत से बाज नहीं आती हैं। उन्हें जब मौका मिलता है तब वो अपने पार्टनर फोन चेक कर लेती हैं। कई बार जब पार्टनर पासवर्ड बदल दे तो प्यार मोहब्बत से फिर से उसे जान लेती हैं। कुछ लोग पार्टनर द्वारा अपना फोन चेक किए जाने को लेकर सहज होते हैं लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि इस मामले में आपके साथी का रवैया भी शांत रहे। जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर लोगों में अपने पार्टनर के फोन में ताकझांक करने का मन क्यों होता है।

दूसरों के साथ पार्टनर के रिश्ते को करना चाहते हैं नियंत्रित

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया और यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन की संयुक्त स्टडी ये पता चलता है कि ज्यादातर लोग जो अपने पार्टनर या दोस्तों का फोन चेक करते हैं उसके पीछे अहम वजह जलन होती है। साथ ही वो चाहते हैं कि वह दूसरों के साथ अपने पार्टनर के रिलेशनशिप को कंट्रोल कर सकें। हैरान कर देने वाली बात ये है कि ज्यादातर लोग अपने पार्टनर, जीवनसाथी या दोस्तों द्वारा अपने फोन में घुसपैठ करने की आदत पर रोक भी नहीं लगाते हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को पार्टनर की यह आदत पसंद नहीं आती है वहां उनका रिश्ता टूट भी जाता है।

फोन चेक करने की आदत से टूटे 45 प्रतिशत

रिश्ते 102 लोगों को एक छोटी सी स्टडी का हिस्सा बनाया गया जहां उनसे उन घटनाओं को शेयर करने के लिए कहा गया जब उन्होंने अपने पार्टनर का फोन बिना उनकी अनुमति के चेक किया। इसके बाद उन्हें ये बताना था कि जब उनकी इस हरकत की जानकारी उनके पार्टनर को मिली तो उनके रिश्ते पर क्या असर पड़ा। स्टडी के मुताबिक करीब 45 प्रतिशत लोगों का रिश्ता टूट गया, वहीं 55 प्रतिशत लोगों का रिश्ता इस तरह की हरकत के बाद भी बचा रहा।

लत ना बन जाए पार्टनर का फोन चेक करना

साइकॉलोजिकल एक्सपर्ट के मुताबिक पार्टनर के फोन में छिप-छिपाकर सेंधमारी करने का सीधा मतलब है कि आप उनकी जासूसी कर रहे हैं। यह धीरे धीरे आपकी आदत भी बन सकती है। अगर यह आदत अनियंत्रित हो जाए तो ये लत का रूप ले सकती है और आपको हर थोड़ी देर में उनका फोन चेक करने का मन करेगा। इसका सीधा असर आपके रिलेशनशिप पर पड़ेगा।